यूपी। लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के प्रमुख दल में टूट की आशंका नजर आने लगी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का आरोप है कि अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की विरासत को नहीं संभाल पा रहे है। उनका एक के बाद एक करके सहयोगी साथ छोड़ रहे है। जो नहीं छोड़ पा रहे है, वह भी उनके निर्णयों का खुला विरोध करने पर उतारू है। सुभासपा प्रमुख ने साथ छोड़ा, इसके बाद जयंत चौधरी भाजपा में शामिल हो गए। अब स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल बगावती सुर अपनाएं हुए है। इन लोगों का आरोप है कि अखिलेश यादव केवल वोट के लिए पीडीए— पीडीए चिल्ला रहे है, जब राज्यसभा का टिकट देने की बारी आई तो बड़ी जाति के लोगाों जया बच्चन और आलोक रंजन को टिकट दे दिया। इसके विरोध में पल्लवी पटेल ने इन्हें वोट नहीं देने का एलान किया।
इंद्रजीत सरोज कर सकते है खेला
राज्यसभा चुनाव के मतदान से पहले सपा विधायक इंद्रजीत सरोज अपने चार—पांच विधायकों के साथ मिलकर अखिलेश यादव को तगड़ा झटका दे सकते है। कयास लगाए जा रहे है कि वह अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा के संपर्क में है। उधर सपा विधायक पल्लवी पटेल खुला एलान कर चुकी हैं कि वह सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगी, क्योंकि इन्हें तय करने में पीडीए का ख्याल नहीं रखा गया।
सपा प्रवक्ता बोले यह अफवाह
इसके साथ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने भी मोर्चा खोल दिया है। उनका दावा है कि पीडीए समर्थक सपा के विधायक राज्यसभा प्रत्याशी आलोक रंजन और जया बच्चन को वोट नहीं देंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर पार्टी विधायकों में फूट का भी दावा किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ बोले जाने वाले शब्दों पर सपा नेतृत्व अंकुश नहीं लगा पा रहा है।वहीं सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है सबकुछ सामान्य है, यह अफवाह भाजपा फैला रही है।
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