स्केलर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी ने लॉन्च किया “इंडियन सिलिकॉन वैली चैलेंज”

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Scalar School of Technology launches “Indian Silicon Valley Challenge”
जो दूसरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकें।“

बिजनेस डेस्क। कंप्यूटर साइंस में एक पूर्ण आवासीय स्नातक कार्यक्रम चलने वाले स्केलर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी ने आज “इंडियन सिलिकॉन वैली चैलेंज” के लॉन्च की घोषणा की, जो एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता है। इसे भारत के प्रतिभाशाली युवा प्रतिभा की पहचान और पोषण करने के लिए तैयार किया गया है। यह चुनौती ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के उन छात्रों के लिए है, जिनकी रुचि प्रौद्योगिकी और समस्या-समाधान में है। प्रतियोगिता की मेज़बानी स्केलर के संस्थापक, स्टार्टअप क्षेत्र से उद्योग के सीएक्सओ के साथ करेंगे, जो निर्णायक मंडल में भी शामिल होंगे।

प्रस्तावित समाधानों के संभावित प्रभाव

यह चुनौती शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, पर्यावरण और सामुदायिक विकास जैसे क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया के मुद्दों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी का कुशलतापूर्वक लाभ उठाने की क्षमता वाले छात्रों को पहचान पर केंद्रित है। प्रतिभागियों को उनके समस्या-समाधान कौशल, रचनात्मकता और उनके प्रस्तावित समाधानों के संभावित प्रभाव के आधार पर आंका जाएगा।यह अवसर छात्रों को भारत की कुछ सफल प्रौद्योगिकी कंपनियों के निराम्ताओं से जुड़ने और उनके अनुभवों से अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का मौका प्रदान करता है।

नवोन्मेषी समाधान प्रदर्शित करना

अपने विचारों को सीधे उद्योग के नेतृत्व के सामने प्रस्तुत करने से, प्रतिभागियों को अपने नवोन्मेषी समाधान प्रदर्शित करने और संभावित रूप से संसाधनों और समर्थन तक पहुंचने का अवसर मिलता है, जो उनके विचारों को साकार करने में सहायता कर सकते हैं।

स्केलर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रमुख भाविक राठौड़ ने कहा, “हमारा मानना है कि भारत के पास प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अप्रयुक्त प्रतिभा का भंडार है।“ उन्होंने कहा, “इंडियन सिलिकॉन वैली चैलेंज युवा नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी प्रेमियों को सशक्त बनाने और उन्हें दुनिया के सामने अपने विचारों और समाधानों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने की दिशा में हमारा प्रवेश द्वार है। हम ऐसे छात्रों की तलाश कर रहे हैं, जो न केवल तकनीक के प्रति जुनूनी हों बल्कि भारत के सामने आने वाली सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों की भी गहरी समझ रखते हों। हम ऐसे छात्रों को ढूंढना चाहते हैं जो दूसरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकें।“

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