‘मिशन सिलक्यारा’ में दिखेगा मजदूरों के रेस्क्यू का संघर्ष, मयंक मधुर बना रहे शानदार फिल्म

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The struggle for rescue of workers will be seen in 'Mission Silkyara', Mayank Madhur is making a great film.
बॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर मयंक मधुर जल्द ही उत्तराखंड टनल हादसे पर ‘मिशन सिलक्यारा’ नाम से फिल्म बनाने जा रहे है।

मनोरंजन डेस्क। दिपावली के दूसरे दिन गुफा में फंसी 41 जिंदगियों को बचाने की कहानी जल्द ही बड़े पर्दे पर दिखाई जाएगी। बॉलीवुड फिल्म प्रोड्यूसर मयंक मधुर जल्द ही उत्तराखंड टनल हादसे पर ‘मिशन सिलक्यारा’ नाम से फिल्म बनाने जा रहे है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी फिल्म का मुहूर्त करेंगे। फिल्म की शुरूआत इसी महीने से होने जा रहा है। यह फिल्म सनराइज मीडिया ग्रुप एंड प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनेगी।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इस फिल्म में बॉलीवुड के कई प्रसिद्ध चेहरे काम करेंगे,जिनके नाम तय किए जा रहे हैं। फिल्म मेकर्स खासतौर से इस फिल्म में उत्तराखंड के ऐसे फेमस सेलेब्रिटीज को लेकर आ रहे हैं जिन्होंने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में पहले से ही झंडे गाड़े हुए हैं। यह फिल्म उसी जगह पर शूट की जाएगी जिस जगह पर यह घटना घटी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के बीच कॉर्डिनेशन और मजदूरों के बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग का भी इस फिल्म में उल्लेख किया जाएगा, साथ में मजदूरों को मजबूर न होने देने वाली सोच की तारीफ की जाएगी।

टीम कर रही रिसर्च

टनल में कुल 41 मजदूर फंसे थे। फिल्म मेकर्स की टीम उन सभी से बात कर रही है। उनसे बातचीत करके फिल्म मेकर्स उनसे जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई में बचने के हिम्मत के तरीकों पर बात कर रहे हैं। जिसको हूबहू वैसे ही फिल्म में दर्शाया जा सके।जितने पत्रकार इस घटना को कवर कर रहे थे, मेकर्स की टीम उनसे भी मिलकर उस दौरान के अनुभव और कहानी को जान-समझ रही है। सीएम धामी के द्वारा रेस्क्यू टीम को हर संभव सहायता देने और उनके तत्परता से यह मिशन सफल हो पाया था। उसी को ध्यान में रखकर ‘मयंक’ ने फिल्म ‘मिशन सिलक्यारा’ बनाने जा रहे हैं।

‘मिशन रानीगंज’ से लेंगे सीख

हाल ही में वास्तविक घटना पर आधारित अक्षय कुमार की फिल्म ‘मिशन रानीगंज’ बनी थी जो बॉक्स ऑफिस पर बेहतर नहीं कर सकी। फिल्म मेकर्स के मुताबिक उसमें जो कमी रह गई उसको इस फिल्म में नहीं दोहराई जाएगी। यह फिल्म जिंदगी बचाने के लिए सरकार के अथक प्रयास को दर्शाती है कि अगर सिस्टम के अंदर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो प्राकृतिक आपदाओं से बेहतरीन ढंग से निपटा जा सकता है। पहाड़ का सीना चीरकर भी 41 जिंदगी बचाई जा सकती है।

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