जौनपुर। हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली आज हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाएगा। आज घर की लक्ष्मी महालक्ष्मी की पूजा अर्चना करेंगी, पूरे घर को दीपो से सजाकर रोशनी बिखेरेंगी। दीपों के इस महापर्व को मनाने के लिए काफी तैयारी करना पड़ता है। दीपावली सुख समृद्धि और सौभाग्य के लिए मनाया जाता है, इसलिए लक्ष्मी के साथ ही गणेश जी की पूजा— अर्चना करते है। शास्त्रों के अनुसार मां की पूजा विशेष मुहूर्त में करनी चाहिए, जिससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं। अमावस्या व्यापिनी महानिशीथ काल में 2.36 घंटे का स्थिर लग्न में शुभ मुहूर्त मिलेगा। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए तीन और स्थिर लग्न प्राप्त हो रहे हैं। सुबह 6:41 बजे से लेकर 8:58 बजे तक वृश्चिक लग्न में होगा।
उल्लू पूजन का महत्व
उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना जाता है,इसलिए दीपावली के दिन उल्लू पूजन का विशेष महत्व होता है।इस विषय में एक किवदंती है कि एक समय में एक धनीराम नामक व्यापारी था, जो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना की, उसने ऐसी घनघोर तपस्या की कि मां लक्ष्मी को धरती पर आने के लिए मजबूर कर दिया। मां लक्ष्मी धरती पर आने के लिए अपनी सवारी उल्लू को बुलाया। उल्लू से ही धरती पर पहुंची और धनीराम के यहां जमकर धनवर्षा की। तब से मान्यता है कि मां को प्रसन्न करने के लिए उल्लू की पूजा आवश्यक है।
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