श्रावस्ती: यूपी के श्रावस्ती के रहने वाले नूरी बाबा का नेटवर्क जानकर पुलिस वाले भी हैरान है।कैसे कबाड़ खरीदने वाला युवक मदरसा खोलने के बाद चंदा वसूलने के साथ ही नकली नोटों का सौदागर बन गया।कभी मुंबई में ठिकाना बनाता तो कभी पश्चिम बंगाल तो कभी नेपाल को अपना ठिकाना बना लेता है।सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उसका पाकिस्तान प्रेम भी उजागर हो रहा है। ऐसे में कहीं उसके तार आईएसआई से भी तो नहीं जुड़े हैं। इसको लेकर सवाल उठने लगा है।
श्रावस्ती मल्हीपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मनपुर गंगापुर निवासी मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा पहले कबाड़ खरीदकर जीवन यापन करता था, इस समय नकली नोटों का व्यापार करने लगा है।
पुलिस से बचने के लिए वह समय- समय पर अपना हुलिया और ठिकाना बदलता रहता है। वह कभी फकीर बनकर जकात मांगता, तो कभी रमजान महीने में मुंबई जाकर मस्जिद व मदरसा निर्माण के नाम पर चंदा वसूलता। नेपाल तो कभी पश्चिम बंगाल में जाकर तकरीर करता। लोगों को खुद से जोड़ने के लिए कट्टर मुसलमान होने का प्रमाण भी देता। उसके सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर सात अक्टूबर 2017 की पोस्ट उसके पाकिस्तान प्रेम को भी उजागर कर रही है।
पुलिस ने ऐसे किया भंडाफोड़
वह अपने आप को कट्टर दिखाने के लिए पाकिस्तानी झंडे के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करता था। इससे आशंका जताई जा रही है कि उसका संबंध आईएसआई से तो नहीं है। फिलहाल पुलिस मामले में बड़ी ही खामोशी से जांच कर रही है। साथ ही उससे जुड़े लोगों व उसके नेटवर्क के तार कहां तक जुड़े हैं, उसकी कड़ी जोड़कर जांच को आगे बढ़ा रही है। नूरी बाबा के काले कारनामे उजागर न हों, इसके लिए उसने गांव के ही पांच भाइयों से उनके हिस्से की जमीन लेकर आठ वर्ष पूर्व मदरसा खोला। इसकी आड़ में वह गलत काम करने लगा। इसी मदरसे की आड़ में वह झाड़फूंक, दवाखाना चलाने के साथ ही अय्याशी का अड्डा व नकली नोटों का कारोबार चलाने लगा। गांव में उसकी सबसे अच्छे से बात होती थी, इसलिए उस पर किसी ने शक नहीं किया।
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