
लद्दाख व मणिपुर के मुद्दे पर अमित शाह इस्तीफा दें।: सोशलिस्ट पार्टी
7 अक्टूबर, 2025, लखनऊ। सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) द्वारा लखनऊ स्थित प्रेस क्लब में लद्दाख के मुद्दे पर प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता को लद्दाख लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी रहे सज्जाद, सोशलिस्ट पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मो. शोएब, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार मो. मुईद, संदीप पांडे ने सम्बोधित किया। पत्रकार वार्ता में प्रधान महासचिव सन्दीप पांडे ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) लद्दाख में लेह एपेक्स बॉडी व कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे जन आंदोलन का समर्थन करती है और सरकार द्वारा आंदोलन के दमन की कार्यवाही, जिसके तहत उसने सोनम वांगचुक समेत कई लोगों को निरुद्ध किया है और 87 लोगों को गोलीकांड में घायल किया है की कठोर निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि बिना किसी वार्ता या शर्त के लद्दाख के लोगों की जायज निम्नलिखित मांगों को तुरंत माना जाए।
1. लद्दाख को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए क्योंकि लद्दाख मूलतः आदिवासी इलाका है।
2. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए क्योंकि बिना विधान सभा के लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं है।
3. लद्दाख का अपना लोक सेवा आयोग गठित किया जाए क्योंकि पिछले छह साल में लद्दाख में राजपत्रित पद पर कोई नियुक्ति न होना चिंता की बात है। 4. लेह व कारगिल दो संसदीय क्षेत्र बनाए जाएं। यह देखते हुए कि लद्दाख से राज्य सभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. लोक सभा का सिर्फ एक क्षेत्र अपर्याप्त है खासकर इलाके के भौगोलिक क्षेत्रफल को देखते हुए।
परंतु इससे पहलेः
5. सोनम वांगचुक व गिरफ्तार सभी लोगों को तुरंत रिहा किया जाए और उनके ऊपर जो मुकदमे लगे हैं उन्हें वापस लिया जाए।
6. 24 सितम्बर, 2025 को लेह में जो गोली चलाई गई जिसमें 4 जाने गई, 87 लोग घायल हुए, उसमें भी 15 गम्भीर रूप से, उसकी एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हो। आखिर गोली लोगों के सिर में और सीने में कैसे लगी?
उन्होंने कहा कि शर्म की बात यह है कि 4 मरने वालों में एक वह सैनिक भी शामिल है जो 1999 में कारगिल की जंग में बहादुरी से लडा। पाकिस्तनी सेना तो उसे न मार पाई लेकिन हमारे ही सुरक्षा कर्मियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। भारत व चीन के बीच समझौता है कि हमारे सैनिक एक दूसरे पर गोली नहीं चलाएंगे। यानी हम चीन के सैनिकों पर गोली नहीं चलाते लेकिन अपने लोगों को मारने में नहीं हिचकते।
उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों को न्याय मिलने तक हम उनके आंदोलन का सक्रिय समर्थन करते रहेंगे। लद्दाख के लोग अपने संविधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक रूप से चार साल से संघर्ष करते आ रहे हैं। 24 सितम्बर की हिंसा के लिए कॉरपोरेट दबाव में काम करने वाली संवेदनहीन सरकार जिम्मेदार है जो लोगों के सब की अनावश्यक परीक्षा ले रही है। केन्द्र सरकार सीमांत प्रदेशों जैसे मणिपुर व लद्दाख में स्थितियों को सम्भालने में नाकाम रही है और इसलिए हम गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हैं।
