नई दिल्ली: चुनाव दर चुनाव हारने के बाद विपक्ष् लगातार चुनाव आयोग पर वोटर्स लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाता रहता है। और बार— बार कोर्ट पहुंचता है। अब सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर चुनाव आयोग ने कहा कि वह अपनी वेबसाइट पर बूथवार मत प्रतिशत आंकड़ा अपलोड करने की मांग पर विचार-विमर्श के लिए तैयार है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे 10 दिन में चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखें।
48 घंटे में अपलोड करने होंगे डाटा
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली बेंच तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा और एनजीओ असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से 2019 में दायर दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मतदान समाप्त होने के 48 घंटे के भीतर प्रत्येक मतदान केंद्र का Voters Data अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।
सीईसी ने मिल सकते हैं याचिकाकर्ता
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब नए मुख्य चुनाव आयुक्त से याचिकाकर्ता मिल सकते हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘चुनाव आयोग की ओर से उपस्थित वकील का कहना है कि याचिकाकर्ता (एनजीओ और सांसद) चुनाव आयोग के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व प्रस्तुत कर सकते हैं और चुनाव आयोग उन्हें सुनवाई की पूर्व सूचना देगा। याचिकाकर्ता 10 दिनों के भीतर अपना पक्ष रखें।’ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के लिए तय कर दी