- अन्तर्राष्ट्रीय बौध शोध संस्थान में आयोजित ‘कथक संध्या’ में देखने को मिली नृत्य की अद्भुत छटा
लखनऊ: बिरजू महाराज कथक संस्थान (संस्कृति विभाग, उप्र) की ओर से आयोजित ‘Kathak Sandhya में शनिवार को कथक नृत्य की अद्भुत छटा देखने को मिली। अन्तर्राष्ट्रीय बौध शोध संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. प्रेरणा राणा और साथी कलाकारों ने कथक नृत्य की विविध प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शिव स्तुति से हुई शुरूआत
कार्यक्रम की शुरुआत ‘शिव स्तुति’ से हुई, जिसमें भगवान शिव की स्तुति को नृत्य के माध्यम से भक्ति भाव से प्रस्तुत किया गया। इसके बाद, डॉ. राणा ने विलंबित तीन ताल में आमद, परन आमद, तोड़े, टुकड़े, परमेलु, तिहाई इत्यादि प्रस्तुत कर कथक की तकनीकी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के अगले चरण में रोनी सिंह, शिवांगी बरवाल और अनुश्रिता घोष ने राग मालकौंस में तराना प्रस्तुत किया। राग चारुकेशी में गजल और राग पूरिया में त्रिवट की भावनात्मक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम का समापन ‘होरी’ की रंगारंग प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसमें डॉ. प्रेरणा राणा और उनके साथी कलाकारों ने होली की जीवंतता को कथक के भावपूर्ण अंदाज में प्रस्तुत किया।
कलाकारों को सम्मानित किया
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. राकेश चंद्रा (प्रोफेसर ऑफ एमिनेंस, लखनऊ विश्वविद्यालय), संस्कृति विभाग के विशेष सचिव श्री रवींद्र कुमार, बिरजू महाराज कथक संस्थान की अध्यक्ष डॉ. कुमकुम धर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। विशेष सचिव रवींद्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बिरजू महाराज कथक संस्थान, कथक जो हमारे देश की पहचान है, उसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। कथक के बारे में लोग अधिक से अधिक जानें, इसलिए हमने तय किया है कि इस तरह का कम से कम एक आयोजन हर माह किया जाए। कार्यक्रम की समाप्ति पर मुख्य अतिथि प्रो. राकेश चंद्रा ने कलाकारों को सम्मानित किया और उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। इस अवसर पर सहायक निदेशक तुहिन द्विवेदी, संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष जयंत खोत, निदेशक शोभित नाहर सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
इधर, इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जयवीर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि कथक नृत्य भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उत्तर प्रदेश सरकार इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, ताकि हमारी संस्कृति और परंपराओं को विश्वभर में प्रचारित किया जा सके।
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