Yogi Adityanath ने विधानसभा में अखिलेश से लेकर ममता बनर्जी को दिया मुंहतोड़ जवाब

Yogi Adityanath gave a befitting reply to Akhilesh and Mamata Banerjee in the assembly.

योगी ने विपक्ष के बयानों को सदन में पढ़कर सुनाया और उन्हें कठघरे में खड़ा किया।

लखनऊ। महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर हमलावर विपक्ष के नेताओं को Yogi Adityanath  ने बुधवार को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है। विपक्ष की भाषा सभ्य समाज के अनुकूल नहीं है। विपक्ष महाकुंभ पर दुष्प्रचार और झूठी अफवाह फैला रहा। संक्रमित व्यक्ति का उपचार संभव है, लेकिन संक्रमित सोच का कोई उपचार नहीं है।
योगी ने विपक्ष के बयानों को सदन में पढ़कर सुनाया और उन्हें कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने के लिए संकल्पित है। विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है और इसे भव्य रूप से मनाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष जिस भाषा का प्रयोग कर रहा है, वह किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देती। उन्होंने समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ये लोग महाकुंभ जैसे आयोजन की भव्यता पर सवाल उठाते हैं और समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही महाकुंभ का विरोध कर रहा है। अगर वे वास्तव में जनता के हितैषी होते तो इस आयोजन पर चर्चा के लिए सदन में उपस्थित रहते, लेकिन उन्होंने सदन को बाधित किया। जैसे ही महाकुंभ शुरू हुआ, इन्होंने अफवाहें फैलाना शुरू कर दीं।

प्राचीन समय से लग रहा कुंभ

Yogi Adityanath ने कहा कि विपक्ष के नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। विपक्ष ने महाकुंभ को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इसे धन की बर्बादी तक करार दिया। उन्होंने विपक्ष के नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनके संस्कार और मानसिकता को दर्शाता है। सीएम योगी ने कहा कि किसी भी सभ्य समिति के लिए वह भाषा शोभा नहीं देती है। आप लोगों के अपने संस्कार हो सकते हैं, आप लोगों का अपना व्यवहार हो सकता है, लेकिन कोई सभ्य समाज और कोई सभ्य समिति कभी भी उसको मानता नहीं दे सकती है उन्होंने कहा कि महाकुंभ कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि यह वैदिक परंपरा से चला आ रहा है। ऋग्वेद, अथर्ववेद और श्रीमद्भागवत महापुराण में भी इसका उल्लेख है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसे संकीर्ण राजनीतिक नजरिए से देखना अनुचित है।

विपक्ष को एक-एक कर धोया

सीएम ने कहा कि सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महाकुंभ आयोजन के पहले इस बारे में कहना शुरू किया कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की आवश्यकता क्या है। उनका बयान है कि ‘हमारी सरकार से अपील है कि बहुत सारे बुजुर्ग जो 65 से 65 साल से और 70 साल से ऊपर के हैं स्नान नहीं कर पाए हैं’, उसके बाद फिर उनके बयान आए। सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भगदड़ में हजारों लोग मारने वाले बयान, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को ‘मृत्युकुंभ’ कहे जाने के बयान का जिक्र करते हुए उसकी आलोचना की। सीएम योगी ने कहा कि जया बच्चन कहती हैं कि शवों को गंगा में बहा दिया गया, लालू यादव कहते हैं फालतू है महाकुंभ । इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना बयान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आरजेडी और टीएमसी के नेताओं के द्वारा सनातन धर्म के जुड़े हुए सबसे बड़े आयोजन के प्रति दिए गए हैं।
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