प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं का भारी भीड़ की वजह से बैरियर टूटने से भगदड़ मचने से कई श्रद्धालुओं की जान चली गई, और कई घायल हो गए। हालांकि प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए जल्द ही हालात को सामान्य कर लिया, इसके बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान करने की हामी भारी है। दरअसल भगदड़ की घटना के बाद सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान करने से मना कर दिया है। सभी अखाड़े रास्ते से ही लौट गए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा हादसे के बाद अखाड़े अमृत स्नान नहीं करेंगे।
मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ और भगदड़ की घटना के चलते सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान न करने का एलान किया था। यह एलान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र गिरी ने निरंजन छावनी से किया। हालांकि, अब खबर है कि हालात सामान्य होते ही सभी अखाड़े अमृत स्नान के लिए जा सकते है। इसके अलावा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ है और भगदड़ की घटना सामने आई है उससे अखाड़े ने स्नान न करने का फैसला लिया है। अखाड़े के वहां जाने से स्थिति और भी बिगड़ सकती थी।
महामंडलेश्वर प्रेमानंद ने जताया आक्रोश
महाकुंभ में भगदड़ में हुई मौतों पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। प्रशासन पूरी तरह फेल साबित हुआ है। प्रशासन सिर्फ वीआईपी की जी हुज़ूरी में लगा रहा। इसके अलावा उन्हें कुंभ से कोई मतलब नहीं है। किसी का बेटा चला गया तो किसी का बाप चला गया। पिछले स्नान के बाद ही हमने प्रशासन को सचेत किया था।