
1 सितम्बर 2024, लखनऊ। डॉ. राही मासूम रज़ा के जन्मदिवस पर डॉ. राही मासूम रज़ा साहित्य सम्मान समारोह-2024 का आयोजन डॉ राही मासूम रज़ा साहित्य अकादमी के तत्वावधान में गांधी भवन स्थित करणभाई सभागार में किया गया। इस समारोह में साहित्यिक जगत की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया और डॉ. राही मासूम रज़ा के साहित्यिक योगदान को याद किया।
समारोह की शुरुआत डॉ. राही मासूम रज़ा के जीवन और साहित्य पर एक विशेष प्रस्तुति से हुई। मशहूर शायर शनने नक़वी ने राही की नज़्म को पढ़कर कार्यक्रम की शुरआत की, इसके बाद इस सम्मान से प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक,लेखक और पत्रकार श्री कुमार प्रशांत जी को वरिष्ठ कवि व साहित्यकार श्री नरेश सक्सेना,अकादमी की अध्यक्षा वंदना मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार प्रो अरुण कुमार त्रिपाठी तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो नदीम हसनैन और संचालक हफ़ीज़ क़िदवई द्वारा अलंकृत किया गया।
अलंकरण में कुमार प्रशांत को एक मोमेंटो, एक शॉल,राही की किताबों का एक सेट तथा सम्मान पत्र भेंट किया गया।
कुमार प्रशांत को गांधी स्मारक निधि, लखनऊ के महामंत्री लाल बहादुर राय जी ने सूत की माला पहनाकर गांधी भवन की ओर से उनका स्वागत किया। हिंदुस्तानी साहित्य सभा, प्रलेस,जलेस, जसम, वसुंधरा फाउंडेशन, काव्योम जैसी प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं ने भी फूलों की माला तथा शॉल ओढ़ाकर कुमार प्रशांत का अभिनन्दन किया।

इसके बाद राही मासूम रज़ा अकादमी की स्मारिका “साझी विरासत” का भी विमोचन किया गया।
वक्ताओं में कवि दिनेश प्रियमन तथा गांधीवादी विचारक राम धीरज ने कुमार प्रशांत के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की तथा प्रसिद्ध कवि तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नरेश सक्सेना ने डॉ राही के साहित्यिक योगदान पर रौशनी डाली। दिल्ली से पधारे समाजवादी चिंतक व वरिष्ठ पत्रकार प्रो अरुण त्रिपाठी ने कुमार प्रशांत के जीवन,कार्यों और सामाजिक साहित्यिक योगदान पर विस्तृत चर्चा की,साथ ही उनके गांधी पीस फाउंडेशन के कार्यों और गांधी मार्ग के सम्पादन पर दृष्टि डाली।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो नदीम हसनैन ने राही के जीवन, एकेडमी के महत्वपूर्ण कार्यों और राही के एक शायर को रूप में भी देखने की बात की और अपने बचपन के संस्मरण सुनाए।
साहित्यिक जगत की प्रमुख हस्तियों ने डॉ. राही मासूम रज़ा के साहित्यिक योगदान पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने डॉ. राही मासूम रज़ा की कविताओं, कहानियों और उपन्यासों की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और उनके साहित्य के महत्व को समझाया।
समारोह के अंत में,अकादमी की अध्यक्षा वन्दना मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया और डॉ. राही मासूम रज़ा के साहित्यिक योगदान को याद करने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि डॉ. राही मासूम रज़ा का साहित्य हमेशा हमारे दिलों में रहेगा और हमें प्रेरित करता रहेगा। समारोह के दौरान, डॉ. राही मासूम रज़ा की कविताओं और कहानियों की प्रस्तुति भी की गई।

कुमार प्रशांत ने अपने सम्बोधन में सभी को नागरिक बनने का आह्वान किया उन्होंने लोगों से सच व लोकतंत्र के पक्ष में मजबूती से खड़े होने की अपील भी किया। उन्होंने नागरिक व भीड़ में अन्तर को भी परिभाषित किया।
वक्ताओं ने कहा कि यह समारोह डॉ. राही मासूम रज़ा के साहित्यिक योगदान को याद करने में मदद करेगा और साहित्यिक जगत को प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम में अकादमी के महामंत्री रामकिशोर के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की गई।
कार्यक्रम में प्रो रूपरेखा वर्मा, प्रो रमेश दीक्षित, आनंद वर्धन सिंह, नवीन जोशी, एडवोकेट वीरेंद्र त्रिपाठी, भगवान स्वरूप कटियार, असगर मेंहदी, कमला पांडे, मो खालिद, अखिलेश श्रीवास्तव चमन, सुभाष राय, शबनम रिजवी, ओ पी सिन्हा, आलोक, राजीव, जयप्रकाश, के के शुक्ला, सी एम शुक्ला, इला श्रीवास्तव, ज्योति रिय, आशीष डिगडिगा, सानिध्य अवध, जय सिंह, शिवांश त्रिपाठी आदि ने भाग लिया।
