एआईडीएसओ ने जारी किया छात्र घोषणापत्र, लोकसभा उम्मीदवारों को सौंपेंगे मांगपत्र।

AIDSO द्वारा छात्र घोषणा पत्र जारी करते हुए

शिक्षा समस्याओं को लेकर छात्रों को करेंगे जागरूक।

5 मई 2024, जौनपुर, उत्तर प्रदेश। आजादी आंदोलन की अमर शहीद क्रांतिकारी वीरांगना प्रीतिलता वादेद्दार के जन्म दिवस पर आज 5 मई 2024 को ऑल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) के द्वारा बदलापुर सब्जी मण्डी स्थित जिला कार्यालय से छात्र घोषणापत्र जारी किया गया। इस छात्र घोषणापत्र में छात्रों की 17 मांगों को उठाया गया। इस घोषणापत्र को लेकर एआईडीएसओ के कार्यकर्ता आम छात्रों के बीच जायेंगे और उनसे संवाद स्थापित कर लोकसभा चुनाव में छात्रों की भूमिका के लिए जागरूक करेंगे। साथ ही लोकसभा के विभिन्न उम्मीदवारों से मिलकर उन्हें अपनी मांगपत्र सौंपेगे कि, वे शिक्षा की समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनायें।

छात्रों का घोषणापत्र जारी करते हुए एआईडीएसओ के राज्य सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि, लोकसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है, विभिन्न उम्मीदवार आप छात्रों से भी वोट की अपील करेंगे। इसलिए जब इस बार किसी पार्टी का उम्मीदवार अगर धर्म-संप्रदाय, जात-पात, भाई – भतीजावाद व क्षेत्र-भाषा के आधार पर आपसे वोट मांगने के लिए आए तो उनसे यह पूछिए कि क्या आप भगत सिंह, विवेकानंद के देश से हैं? अगर हाँ तो आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप धर्म को राजनीति से मिलाएं। जब आपसे कोई मंदिर-मस्जिद के नाम पर वोट मांगे तो उनसे सवाल करें कि हमारे असल मुद्दे शिक्षा, रोजगार है न कि धर्म। ये याद रखना होगा कि हमारे देश में जिस राजनीति के बीज शहीद-ए-आजम भगत सिंह, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आज़ाद, अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल ने बोए थे ; वे धर्म, जात-पात, क्षेत्रीयता के आधार पर नहीं बल्कि एक बेहतर मनुष्य बनाने की उस उच्च स्तर की राजनीति के थे जो सामाजिक प्रगति और जनता के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए थी। इसलिए छात्रों- नौजवानों को किसी प्रकार के धार्मिक, जातीय व नस्लीय अथवा पैसे व नशे के प्रलोभन में, आवेग में आकर अपना वोट ही नहीं, बल्कि खुद को भी बर्बाद नहीं करना चाहिए। *हमें यह याद रखना होगा कि जब हम वोट करें तो यह जरूर सोचें कि-*
● क्यों हर साल शिक्षा का बजट कम हो रहा है?
● सरकारी शिक्षण संस्थानों की संख्या लगातार क्यों घट रही है?
● क्यों हर साल बेतहाशा फीस वृद्धि की जाती है?
● छात्रों के रहने के लिए छात्रावास कहां हैॅ ?
● हमारी छात्रवृति क्यों नहीं मिली और इसे कम क्यों किया जा रहा है?
● उच्च शिक्षा इतनी महंगी क्यों है ?
● सरकारी स्कूल व कॉलेज में स्थाई शिक्षकों की संख्या इतनी कम क्यों है?
● रोजगार के अवसर तेजी से खत्म क्यों हो रहे हैं?
● पेपर लीक का जिम्मेदार कौन है? उन पर क्या कार्यवाही हुई?
● हर तरह की नशीली चीजों पर रोक क्यों नही लगाई जा रही है?
● छात्राओ-महिलाओं व बच्चियों के साथ रेप- गैंगरेप जैसे जघन्य अपराध क्यों बढ़ रहे है?
उन्होंने आगे कहा कि, यह हमारा दायित्व है कि हम उम्मीदवारों से उपरोक्त बुनायादी सवाल करें। उन नीतियों के बारे में बात करें जो हमारा भविष्य निर्धारण करती हैं। हम ऐसे उम्मीदवार को चुनें जो छात्रों की व जनमानस की ज्वलंत समस्याओं को लेकर आवाज़ उठाए। जिसका चरित्र जन आंदोलन में तपा हुआ हो और जीतने के बाद हमारी आवाज को संसद में भी उठा पाए। इस देश के आज़ादी आंदोलन के महान क्रांतिकारी और मार्क्सवादी दार्शनिक शिवदास घोष ने कहा था “क्रांतिकारी राजनीति एक उच्च स्तर की हृदयवृत्ति है।“ यह आपको एक महान इंसान के रूप में परिणित करती है। हम सभी उसका हिस्सा बनें जिससे हम सच और न्याय की लड़ाई लड़ सकें। इसलिय छात्र होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है कि हम शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, साम्प्रदायीकरण, केंद्रीयकरण और बेतहाशा फीस वृद्धि के खिलाफ आने वाले लोकसभा चुनाव में जन आंदोलन के सच्चे प्रतिनिधि को चुने।
प्रमुख मांगें:-

1. शिक्षा के लिए केंद्रीय बजट का 10% और राज्य बजट का 30% हिस्सा आवंटित हो।

2. सभी के लिए वैज्ञानिक, धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक शिक्षा प्रणाली लागू करना सुनिश्चित हो।

3. शिक्षा के निजीकरण, केंद्रीयकरण, व्यवसायीकरण और साम्प्रदायीकरण को बढ़ावा देने वाली NEP 2020 को रद्द करें।

4. पर्याप्त मात्रा में सरकारी शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक शिक्षा को मजबूत करें।

5. क्लोजर-मर्जर, युग्मन योजना, एक शाला एक परिसर, इत्यादि योजनाओं से सरकारी स्कूलों को बंद करना रोको।

6. पुनर्जागरण के महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्षों को पाठ्यक्रम से हटाना और ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करना बंद करें।

7. सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में सुधार के लिए पर्याप्त धनराशि का आवंटन करें।

8. सभी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति सुनिश्चित की जाये व इस हेतु पर्याप्त राशि प्रदान करें।

9. सभी छात्रों के लिए निःशुल्क बस, रेल और मेट्रो पास प्रदान करें।

10. सभी शोधार्थियों को बिना किसी असमानता के सम्मानजनक एवं नियमित फेलोशिप की व्यवस्था करें।

11. सार्वजनिक बजट का 3% और GDP का 3% अनुसंधान के लिए आवंटित करें।

12. देश के सभी बेरोजगार युवाओं के लिए उचित रोजगार के अवसर सुनिश्चित करें।

13. सरकारी PSU कंपनियों के विनिवेश और निजीकरण की सभी योजनाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए।

14. शैक्षणिक कैंपस के अंदर और बाहर छात्राओं, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।

15. अश्लीलता, पोर्नोग्राफी व हर तरह का नशा और नशीली दवाओं को प्रतिबंधित करने के लिए कठोर कदम उठाये जाएं।

16. लिंगदोह-आयोग की सिफ़ारिशों को रद्द करें और सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराये जायें।

17. सभी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में लोकतांत्रिक अधिकार हेतु स्वतंत्र लोकतांत्रिक माहौल सुनिश्चित करें।।  इस अवसर पर एआईडीएसओ के जौनपुर जिला संयोजक संतोष कुमार प्रजापति, अंजली सरोज, पूनम, अभिषेक, गुंजन, चंदा, विकास व अन्य छात्र मौजूद रहे। छात्र घोषणापत्र जारी करने के पहले अमर शहीद प्रीतिलता वादेद्दार की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

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