22 अप्रैल 2024, लखनऊ। ऑल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (AIDSO) के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव दिलीप कुमार ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि – बीते दिनों, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में छात्रों द्वारा अंबेडकर जयन्ती पर जलूस निकालने की अनुमति विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नहीं दी लेकिन उसके तुरन्त बाद ही विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अन्य छात्र समुदाय को धार्मिक आयोजन करने, जलूस निकालने व डीजे बजाने की अनुमति दी गई। विश्वविद्यालय के इस विभेदकारी रवैये से आहत व नाराज छात्रों ने जब प्रशासन के सामने शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक ढंग से सवाल उठाए तो समुचित जवाब देना तो दूर, उल्टे उन छात्रों को जलील करते हुए उन पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों ने बर्बरतापूर्वक हमले किए और छात्रों पर फर्जी मुकदमे लगाए। यह घटना बेहद शर्मनाक, घोर निन्दनीय और अलोकतांत्रिक है। जिसका छात्र संगठन एआईडीएसओ उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी पुरजोर विरोध करती है।
बीबीएयू की उपरोक्त घटना ने एक बार फिर जाहिर कर दिया है कि देश के विश्वविद्यालयों के हालात कितने खराब हो चुके हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों की जगह तानाशाही फासीवाद की प्रवृत्ति ने ले लिया है। छात्रों की अभिव्यक्ति की आजादी सहित अन्य मौलिक अधिकारों पर भयंकर खतरे मंडरा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि यह सब अपने आप हो रहा है। नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। देश में शिक्षा का कायाकल्प करने के नाम पर लागू की गई विनाशकारी “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण, केन्द्रीयकरण व साम्प्रदायीकरण करने के साथ-साथ ऐसी विभेदकारी व अलोकतांत्रिक नीति को बढ़ावा देने के लिए भी जिम्मेदार है, जो भाजपा सरकार के मूल मुद्दे से जुड़ी हुई है।
हम सभी जानते हैं कि भारत में नवजागरण काल के महापुरुषों व क्रांतिकारियों का सपना था कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली धार्मिक प्रभाव से मुक्त हो। महान शिक्षाविद व समाज सुधारक ईश्वरचंद विद्यासागर से लेकर मुंशी प्रेमचंद, भगतसिंह व नेताजी सुभाषचंद्र बोस सहित अनेकों महापुरुषों ने जनवादी, धर्मनिरपेक्ष व वैज्ञानिक शिक्षा प्रणाली लागू होने का सपना देखा था। लेकिन आजादी के इतने वर्षों बाद भी उन महापुरुषों के सपनों को लागू करना तो दूर, उल्टे उनके विचारों को ध्वस्त करके बड़े ही तीव्र गति से देश के शिक्षण संस्थानों में सांप्रदायिकता का जहर घोला जा रहा है और छात्रों के जनवादी अधिकारों को पैरों तले रौंदा जा रहा है।
बीबीएयू प्रशासन के इस शर्मनाक कृत्य का पुरजोर विरोध करते हुए छात्र संगठन एआईडीएसओ की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी निम्न मांग करती है-
(1) बीबीएयू के छात्रों के ऊपर हमले करने वाले दोषी अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हो और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
(2) छात्रों के ऊपर दर्ज सभी प्रकार के फर्जी मुकदमे वापस लिये जाएं।
(3) विश्वविद्यालय परिसर में धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई जाए। सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने वाले किसी भी कार्य को करने की अनुमति न दी जाय।
(4) परिसर में शैक्षणिक, सांस्कृतिक व लोकतांत्रिक माहौल कायम करना सुनिश्चित किया जाए।