जौनपुर। यूपी के जौनपुर जिले में मंगलवार शाम को एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई यहां एक भाई— बहन ने एक साथ फंदे से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। एक साथ भाई— बहन की मौत होने से पूरे परिवार में कोहराम मच गया। हर कोई इस घटना से हैरान हैं यह मामला शाहगंज कोतवाली के सिधाई गांव का है।
सिधाई गांव निवासी दरोगा राजभर के चार पुत्रों और तीन पुत्रियों में सबसे छोटे पुत्र राजकपूर (24) व सबसे छोटी बेटी पुष्पा(19) मंगलवार की शाम को घर में अकेले थे। परिजनों ने बताया कि राजकपूर तीन साल से बीमार चल रहा था। राजकपूर की पत्नी रेनू मंगलवार सुबह पति के स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगने जालंधर गई। ऐसे में घर से काम के लिए जाते समय बहन पुष्पा उसकी देखभाल के लिए रुकी थी। शाम करीब पांच बजे जब लोग काम करके लौटे तो घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद था। पुष्पा को खोलने के लिए आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।काफी देर तक इंतजार के बाद जबरदस्ती दरवाजा खोला गया। अंदर जाकर देखा तो एक कमरे में पंखे के हुक से फंदा लगाकर एक साथ पुष्पा और राजकपूर लटके हुएथे।
तीनों को लेकर भागे अस्पताल
फंदा खोलकर घर वालों ने दोनों को नीचे उतारा और सीएचसी शाहगंज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शाहगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक सदानंद राय ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। पुष्पा और राजकपूर के पिता दरोगा कानपुर में रहते हैं। उन्हें सूचना दे दी गई। प्रभारी निरीक्षक सदानंद राय ने बताया कि दोनों ने फंदा क्यों लगाया अभी यह पता नहीं चल सका है। मामले की जांच की जा रही है।
परिजन घटना से स्तब्ध
भाई देशराज ने बताया कि करीब पांच साल पहले राजकपूर की शादी हुई थी और करीब तीन साल पहले एक दुर्घटना में घायल हो गया था। पूरा परिवार ठीक से रह रहा था। बहन पुष्पा जो बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा थी वह भाई की देखभाल भी करती थी। इसी बीच अचानक ऐसा क्या हुआ कि दोनों ने इस तरह का कदम उठाया किसी को समझ नहीं आ रहा। देशराज ने बताया कि वह कुल चार भाई और तीन बहन थे। जिसमें राजकपूर सबसे छोटा और पुष्पा सबसे छोटी थी। बताया कि राजकपूर की पत्नी रेनू सुबह ही अपने पति के स्वास्थ्य के लिए मन्नत मांगने के लिए जालंधर गई है। राजकपूर का एक तीन वर्षीय पुत्र भी है। उधर, घटना के बाद मां सुशील देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
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