स्वामी के बयान से आक्रोश सपा नेताओं का मंदिर मठ से बहिष्कार, संतों ने जताया विरोध

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Lok Sabha Elections: This time the entire 'Mulayam Parivar' will field from SP, each member will get a seat of their choice
पार्टी की इन दिनों चल रही जिलेवार बैठकों का मुख्य उद्देश्य यही है कि वह सीट फीडबैक लेकर तय कर सके कि किसे मैदान में उतारना

प्रयागराज। भाजपा छोड़कर सपा में चुनाव से पहले शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ी चालाकी से एक बार​ फिर हिन्दू मुस्लिम की राजनीति को हवा दे दी। इस बार सपा से मुस्लिमों के साथ दलितों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।​ जिस तरह वह अपने हिंदू विरोधी बयान पर कायम है और उनका विरोध बढ़ता जा रहा है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राम चरित मानस पर विवादित टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को महासचिव के पद से नवाजा गया है। इससे संतों में नाराजगी है।हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण का अपमान करने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव द्वारा महासचिव बनाए जाने से संत-महात्माओं में खासी नाराजगी है। इसी के चलते प्रयागराज के माघ मेले में संतों ने मठ-मंदिरों से सपा नेताओं को बहिष्कृत करने का ऐलान किया है। इसको लेकर व्यापक अभियान भी चलाने का निर्णय लिया गया।

संतों में नाराजगी

श्रीमत परमहंस सेवाश्रम सगरा बाबूगंज के पीठाधीश्वर शिवयोगी मौनी बाबा महाराज का कहना है कि अब सपा के पतन का समय आ गया है। संत समाज ने माघ मेले में ये संकल्प ले लिया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में सपा के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं। इस थीम पर साधु-संत समाज के लोग माघ मेले में आने वाले हर श्रद्धालु को सपा की करतूत के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं।

‘अखिलेश ने साबित किया रामायण का अपमान मौर्य ने नहीं बल्कि सपा ने किया है’उन्होंने कहा कि जिस स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्री रामचरितमानस जैसे पवित्र ग्रंथ के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की है। रामायण का अपमान किया है उसे हिंदू समाज कभी माफ नहीं करेगा।

ऐसे अधर्मी नेता को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महासचिव पद देकर यह साबित कर दिया है कि दरअसल, रामायण के खिलाफ दिया गया स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान समाजवादी पार्टी का बयान है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से समाजवादी पार्टी सहमति रखती है। यह बयान स्वामी प्रसाद मौर्या का नहीं, बल्कि अखिलेश यादव का माना जा रहा है। एक रणनीति के तहत समाजवादी पार्टी करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है।

‘सपा के कार्यक्रमों का होगा बहिष्कार’

आने वाले चुनाव में अखिलेश यादव को देश का करोड़ों हिंदू तोड़ जवाब देगा। अखिलेश यादव को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राम के अपमान करने वाले को संत समाज कभी माफ नहीं करेगा। समाजवादी पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में कोई साधु संत अब नहीं जाएगा। इसके अलावा मठ-मंदिरों में भी समाजवादी पार्टी के नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी।अगर सपा नेता राम, रामायण का अपमान करेंगे तो ऐसे नेताओं का मठ और मंदिरों में बहिष्कार किया जाएगा। सपा नेताओं को अपने मठ-मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

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