सुरक्षा स्‍तरों के महामारी के पहले के आंकडों तक पहुंचने के साथ ही इंडिया प्रोटेक्शन कोशेंट43 तक बढ़ा

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India Protection Quotient rises to 43 as protection levels reach pre-pandemic figures
इस तरह यह भारत की वित्‍तीय सुरक्षा तथा तैयारियों के आधारभूत भरोसेमंद संकेतक के रूप में उभरा है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्क।मैक्‍स लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड (‘मैक्‍स लाइफ’/ ‘कंपनी’) ने कांतार के सहयोग से कराए अपने फ्लैगशिप सर्वे इंडिया प्रोटेक्‍शन कोशेंट सर्वे (आईपीक्‍यू) के पांचवें एडिशन के नतीजे आज जारी किए। 5वें एडिशन के तहत्, इस सर्वे के जरिए पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत के वित्‍तीय सफर का अध्‍ययन किया गया है और इस तरह यह भारत की वित्‍तीय सुरक्षा तथा तैयारियों के आधारभूत भरोसेमंद संकेतक के रूप में उभरा है। 2019 में लॉन्‍च किए गए इस सर्वे कोकोविड-19 महामारी के दौरान बेहद अनिश्चित और चुनौतीपूर्ण दौर में कराया गया था और अब तक सात अलग-अलग सर्वेक्षणों के जरिए इसने 30,000 से ज्‍यादा प्रतिभागियों तक पहुंच बनायी है।

लाइफ इंश्‍योरेंस ओनरशिप स्‍तर

2019 में, 35 के प्रोटेक्‍शन कोशेंट के साथ शुरुआत करने वाले भारत ने एक लंबा सफर तय कर लिया है। सर्वे के नवीनतम एडिशन में शहरी भारत ने एक सकारात्‍मक रुझान पेश करते हुए, आईपीक्‍यू 1.0 की तुलना में, प्रोटेक्‍शन कोशेंट में 8 अंकों से छलांग लगाकर 43 (आईपीक्‍यू 5.0 के अनुसार) का आंकड़ा छू लिया है। सर्वे से यह भी खुलासा हुआ है कि शहरी भारतीय लाइफ इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट्स को लेकर किस हद तक जागरूक हैं या नॉलेज इंडैक्‍स 2019 में 39 (आईपीक्‍यू 1.0) की तुलना में 57 हो गया है जबकि लाइफ इंश्‍योरेंस ओनरशिप स्‍तर 2019 (आईपीक्‍यू 1.0) में 800 bps से बढ़कर 73% हो गया।

शानदार रिकवरी

महामारी के मंद पड़ने के मद्देनज़र, इस सर्वे ने सुरक्षा स्‍तरों में हुई शानदार रिकवरी को उद्घाटित किया है, यह देखा गया कि सुरक्षा स्‍तर धीरे-धीरे महामारी पूर्व के स्‍तरों की ओर लौट रहा है, आईपीक्‍यू 1.0 में 66% की तुलना में महामारी के दौरान अधिकतम 57% दर्ज होने के बाद इस एडिशन में यह 63% हो गया।

प्राथमिकताओं को नए सिरे से तय करे

आईपीक्‍यू 5.0 में यह पाया गया है कि अब जबकि सेहत के मोर्चे पर चिंताओं में गिरावट हुई है, शहरी भारत ने अपनी प्राथमिकताओं को नए सिरे से तय करने की शुरुआत कर दी है और जीवन बीमा के लिए बचत योजनाओं में निवेश बढ़ रहा है – आईपीक्‍यू 1.0 में यह 24% से बढ़कर आईपीक्‍यू 5.0 में 38% दर्ज हुआ है, जबकि टर्म प्‍लान1 खरीदारी की दर 5 वर्षों में ~50% बढ़ गई है।

लचीलेपन का निर्धारण करना

आईपीक्‍यू 5.0 के लॉन्‍च पर टिप्‍पणी करते हुए, प्रशांत त्रिपाठी, प्रबंधक निदेशक एवं मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, मैक्‍स लाइफ इंश्‍योरेंस ने कहा, ‘’हमने भारत के व्‍यवहार को समझने के मकसद से पांच साल पहले प्रोटेक्‍शन कोशेंट सर्वे शुरू किया था – यह देश के लचीलेपन का निर्धारण करने के लिहाज़ से महत्‍वपूर्ण संकेतक है। तभी से, इंडिया प्रोटेक्‍शन कोशेंट लगातार वित्‍तीय सेहत संबंधी प्रमुख संकेतक बना हुआ है जो मैक्‍स लाइफ और लाइफ इंश्‍योरेंस सैक्‍टर को वित्‍तीय तैयारियों के लिहाज़ से देश की तैयारियों को समझने में मदद करता रहा है।‘’

उन्‍होंने कहा, ‘’इस साल, हम भारत को अधिक सुरक्षित देख रहे हैं, क्‍योंकि स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी चिंताएं घटी हैं। इसके अलावा, भारत ने टर्म इंश्‍योरेंस के सही मोल को समझा है, हालांकि स्‍वामित्‍व अभी भी लाइफ इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री के लिए चुनौती बना हुआ है और इस तरफ काफी ध्‍यान देने की जरूरत है। एक ओर जहां इस अध्‍ययन के मौजूदा नतीजों से भारत की वित्‍तीय आजादी को लेकर भरोसा बढ़ा है वहीं यह भी स्‍पष्‍ट हुआ है कि अगला रास्‍ता चुनौतीपूर्ण है, जिस पर आगे बढ़ने में पिछले सबक मददगार होंगे और साथ ही यह समझ देश के लाइफ इंश्‍योरेंस सैक्‍टर के भविष्‍य को तय करने में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगी।‘

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