रामचरित्र मानस पर बयान देकर घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य, अखिलेश यादव के बाद अपर्णा ने साधा निशाना

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Swami Prasad Maurya will become a headache for the NDA and India alliance, busy in forming the third front.
यह गठबंधन प्रदेश में उन सीटों को चिह्नित कर रहा है, जहां इन दलों के नेताओं का अच्छा प्रभाव है।

लखनऊ। राजनीति में कुर्सीजीवी के नाम से पहचाने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू विरोधी बयान के बाद बुरी तरह से घिरते नजर आ रहे है। हिंदुओं के पवित्र ग्रन्थ रामायण पर विवादि टिप्प्ण करने के बाद उन पर लगातार राजनीतिक हमले हो रहे हैं। पहले अखिलेश यादव ने विरोध जताया अब भाजपा यादव अपर्णा यादव ने नाराजगी जताते हुई बोलीं कि कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने चरित्र का उदाहरण दे रहे हैं। सच तो ये है कि उन्होंने रामचरित मानस पढ़ा ही नहीं हैं।

अपर्णा यादव ने कहा कि राम भारत का चरित्र है। राम आज भी उतने की महत्वपूर्ण हैं। रामचरितमानस का लगभग हर भाषा में अनुवाद हो चुका है। हजारों वर्षों के बाद भी आज भी कहीं इसका पाठ होता है तो नया जैसा लगता है। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी राम को सम्मान देते हैं। इतने महत्वपूर्ण ग्रंथ पर टिप्पणी करना गलत है। ये बयान स्वामी प्रसाद की मानसिकता को दर्शाता है।

सपा नेता ने यह कहा था

रामचरितमानस पर बिहार के मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर विवाद को बढ़ा दिया है। सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

अखिलेश ने जताई नाराजगी

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर दिए गए बयान से उनके अपने भी नाराज हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मौर्य के बयान पर नाराजगी जताई है।

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