राजस्थान के गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या, बिश्नोई गैंग ने ली जिम्मेदारी

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सीकर। राजस्थान के सीकर जिले के गैंगस्टर राजू ठेहट की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अुनसार चार-छह बदमाशों ने राजू ठेहट को उसके घर के पास ही गोली मार दी। राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग और बिश्नोई गैंग से रंजिश चल रही थी। लॉरेंस बिश्नोई के राहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। रोहित गोदारा ने लिखा कि उसने आनंदपाल और और बलबीर की हत्या का बदला ले लिया है।

वही राजू ठेहट की हत्या की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी है। राजू ठेहत के तीन गोली लगने की सूचना मिली है। हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को सील कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि गैंगस्टर राजू ठेहट अपराध की दुनिया को छोड़ कर राजनीति में आनेवाला था।

फायरिंग में एक अन्य भी घायल

सीकर के एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजू ठेहट की हत्या कर दी गई। सीसीटीवी के आधार पर हत्याकांड में चार युवकों के शामिल होने की बात सामने आई है। सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक युवक राजू से बातचीत भी कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि दोनों में जान-पहचान थी। मामले की जांच में पुलिस जुट गई है। फायरिंग में एक युवक भी घायल हो गया है। वहीं रोहित गोदारा के हत्याकांड की जिम्मेदारी लेने पर एसपी ने कहा कि इसकी जांच करवाई जा रही है।

सीसीटीवी में वारदात कैद

राजू ठेहट हत्याकांड के कई सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। जिसमें दिख रहा है ठेहट के घर के सामने एक ट्रैक्टर आकर रुकता है। वहीं चार-पांच बदमाश राजू ठेहट के घर के बाहर खड़े हैं। जिसके बाद बदमाश ठेहट पर फायरिंग कर देते हैं। फिर बदमाश राजू ठेहट को चेक करते हैं कि वो जिंदा है या नहीं।

राजू ठेहट की हत्या से आक्रोशित वीर तेजा सेना ने अनिश्चितकालीन के लिए सीकर बंद करने का एलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने शव उठाने से इनकार कर दिया है। वहीं जाट समाज के लोग सीकर की दुकानों को बंद करवा रहे हैं। वो बाजरों में घूम-घूमकर दुकानदारों से दुकान बंद रखने को कह रहे हैं। वीर तेजा सेना के सीकर बंद कराने को लेकर पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। कल्याण चिकित्सालय की मोर्चरी के बाहर वीर तेजा सेना के कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया है। मोर्चरी के बाहर भीड़ देखकर पुलिस बल तैनात किया गया है।

दोस्ती बदली दुश्मनी में

विजयपाल की हत्या के बाद राजू ठेहट और बलबीर बानुडा की दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई। इसके बाद आनंदपाल और बानुडा ने राजू ठेहट के संरक्षक की हत्या कर दी। जिसके बाद राजू ठेहट भी आनंदपाल और बलबीर बानुड़ा के खून का प्यासा हो गया। दोनों गैंग एक दूसरे पर हमला करने लगे। आनंदपाल एनकाउंटर में मारा गया। जिसके बाद राजू ठेहट का शेखावटी में वर्चस्व बढ़ गया था।

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