अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान का श्रीराम का राज्याभिषेक करने अयोध्या पहुंचेगे। दीपोत्सव के और भव्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने खास तैयारी की है। अयोध्या को दुल्हन की तरह से सजाया गया,अपलक नैनों से अयोध्यावासी भगवान श्रीराम के वन से लौटने की प्रतीक्षा कर रहे है। मंदिर के शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार अयोध्या बतौर पीएम पहुंच रहे हैं,उनकी इस यात्रा से खास संदेश निकल रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसे का संदेश तो है ही,साथ ही सरोकारों पर ज्यादा प्रतिबद्धता तथा सनातन संस्कृति के प्रति समर्पण सहित कई और विशिष्ट संकेत भी निकल रहे हैं।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा से निकल रहे निहितार्थों को समझने से पहले उनकी 5 अगस्त 2020 की ‘श्रीराम जन्मभूमि मंदिर’ निर्माण की शुरुआत से लेकर उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ी यात्राओं को समझना जरूरी है। तब से अब तक उनकी यात्राओं में केदारनाथ में श्री आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण, काशी में विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण और इसी साल फरवरी में भक्ति शाखा के प्रमुख संत जगद्गुरु रामानुजाचार्य की 216 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण सहित सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ी कई यात्राएं इस सरकार के सनातन संस्कृति पर आस्था की दृढ़ता बताती हैं।
सनातन संस्कृति के सरोकार
केदारनाथ के तुरंत बाद अयोध्या की यात्रा से पीएम मोदी शायद यह भी बताना चाहते हैं कि भाजपा सरकार न किसी दबाव में एजेंडे से पीछे हटने वाली है और न ही आलोचनाओं से घबराने वाली। उनका श्रीराम जन्मभूमि स्थल से यात्रा की शुरुआत करना तथा वहां बन रहे रामलला के मंदिर की प्रगति को देखने का कार्यक्रम लोगों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश है कि भाजपा सरकार के लिए सनातन संस्कृति के सरोकारों पर काम उनकी आत्मा से जुड़ा है। हालांकि प्रतीकों से राजनीतिक समीकरणों को साधने में सिद्धहस्त मोदी की अयोध्या यात्रा सियासी संदेश भी देती दिख रही है।
योगी के काम को मुहर
प्रधानमंत्री प्रदेश के लोगों को भी यह संदेश देते दिख रहे हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ की हर पहल को उनका समर्थन ही नहीं, बल्कि उसमें वे पूरी तरह साथ हैं। मोदी की अयोध्या यात्रा न सिर्फ डबल इंजन सरकार से विकास को रफ्तार के प्रधानमंत्री के आश्वासन को ताकत दे रही है, बल्कि निकट भविष्य में वाराणसी में प्रस्तावित तमिल समागम को देखते उत्तर से दक्षिण तक भाजपा के आस्था, विरासत, संस्कृति एवं आध्यात्मिक चेतना को धार देने के संकल्प पर लोगों को विश्वास देती नजर आ रही है। इसके नतीजे आगे दिखेंगे।
सरयू तक पर भव्य लेजर शो
छठे दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए सरयू तट पर बने राम की पैड़ी घाट पर अब तक का सबसे भव्य लेजर शो हो रहा है। राम की पैड़ी लाइटों से जगमगा रही है। बड़ी संख्या में लोग इस लेजर एंज लाइट शो का लुत्फ उठाने के इंतजार कर रहे है। इन खास लेजर लाइटों की रोशनी करीब 5 किलोमीटर दूर तक फैली हुई है। इसकी सतरंगी छटा सरयू के पानी में भी दिखाई देगी।
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