कौशांबी: ट्रेन से कटे युवक की 19 दिन बाद क्रब से निकाला शव,डीएन रिपोर्ट से पता चलेगा कि हिन्दू है या मुस्लिम

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Kaushambi: The body of a young man cut off from the train was taken out of the grave after 19 days, the DN report will know whether he is a Hindu or a Muslim
यानी अब, डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से पता चलेगा कि लाश सूरज की है या रमजान की।

कौशांबी। कौशांबी पुलिस इस समय काफी पशोपेश में हैं, क्योंकि 19 दिन पहले ट्रेन से कटकर मरे युवक के शव के अब दो दावेदार सामने आए हैं, इसलिए दफनाए गए शव को कब्र से निकालकर उसका डीएनए टेस्ट कराकर उसके असली माता-पिता की पहचान की जाएगी।

दरअसल 19 दिन पहले ट्रेन से कटकर एक युवक की मौत हो गई थी, जिसे एक मुस्लिम परिवार ने अपना बेट रमजान बताकर सुपुर्द-ए -खाक कर चुका है, अब उसी शव को एक हिन्दू परिवार अपना बेटा सूरज बताकर अपना जमा रहा है। दोनों परिवारों के दावों के बीच पुलिस-प्रशासन उलझकर रह गया। सच्चाई क्या है। यह पता करने के लिए कब्र में दफन शव 19 दिन बाद 3 जुलाई को बाहर निकाला गया। शव से डीएनए सैंपल लिए गए। अब दोनों परिवारों के सैंपल से मिलान कराया जाएगा। यानी अब, डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट से पता चलेगा कि लाश सूरज की है या रमजान की।

11 जून को रेलवे ट्रैक पर मिली थी लाश

मालूम हो कि 11 जून को सैनी कोतवाली में दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर युवक की लाश मिली थी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। शिनाख्त कराने की कोशिश की। लेकिन पहचान नहीं हो सकी।

इसके बाद शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। 14 जून को कौशांबी के रहने वाले सब्बीर ने शव की शिनाख्त की। उन्होंने कहा, “शव उनके बेटे रमजान का है। रमजान तीन महीने पहले नाराज होकर घर छोड़कर चला गया था। तब से वह अपने बेटे की तलाश कर रहे थे। उनको जब रेलवे ट्रैक पर युवक की लाश मिलने की सूचना हुई तो वह अपनी पत्नी सफीकुल निशा के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। वहां लाश की शिनाख्त की।” इसके बाद, पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के बाद शव सब्बीर को सौंप दिया। परिवार ने शव को कब्र में दफन कर दिया।

28 जून को हिंदू परिवार ने किया लाश पर दावा

28 जून को इस मामले में नया मोड़ आया। फतेहपुर जिले के रहने वाले संतराज सैनी पुलिस के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि उनका बेटा सूरज 11 जून को घर से लापता हो गया था। गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में लिखवाई थी। जांच में बेटे के मोबाइल की लास्ट लोकेशन बनपोकरा गांव के पास मिली। बनपोकरा गांव पहुंचा। वहां लोगों ने बताया कि 11 जून को एक युवक का शव रेलवे ट्रैक पर मिली थी।इसके बाद वह सैनी पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने ट्रैक पर मिली लाश की एक फोटो दिखाई। जो हुबहू सूरज से मिलती थी। उनका बेटा सूरज (20 साल) का था। बीए की पढ़ाई कर रहा था।

दो दावों के बाद पुलिस-प्रशासन उलझा

लाश की फोटो, कपड़े देखने के बाद संतराज ने दावा किया कि लाश उनके बेटे सूरज की थी। उनको लाश वापस दिलाई जाए। मामला, पुलिस से होता हुआ डीएम कौशांबी के पास पहुंचा। उधर, सब्बीर अड़े थे कि वह उनका बेटा रमजान था। दोनों परिवारों के दावों के बीच डीएम ने जांच का आश्वासन दिया।डीएम ने सीओ को जांच के आदेश दिए। दो दिन की जांच के बाद 30 जून को सीओ ने डीएम को रिपोर्ट दी। लिखा कि बिना DNA टेस्ट कराए लाश की पहचान कराना मुश्किल है।

दोनों परिवारों के अपने-अपने दांवे

वहीं दफनाएं गए शव को लेकर दोनों परिवार पीछे हटने को राजी नहीं थे। शब्बीर का कहना है कि हमने जिस लाश की पहचान की। वह हमारा बेटा रमजान (22 साल) था। बेटे की शादी चुकी थी। वह मजदूरी करता था। उसकी पत्नी की भी मौत हो चुकी है। अब फतेहपुर का हिंदू परिवार क्यों उसके अपना बेटा होने का दावा कर रहा है। यह बात समझ में नहीं आ रही है। अब जल्द से जल्द इस रहस्य से पर्दा उठना चाहिए, ताकि उन्हें सुकून मिले। वहीं, संतराज का कहना है कि सिर्फ शव की कद-काठी नहीं। बल्कि कपड़े भी हमारे बेटे के हैं। हमें भी डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है। ताकि, सच सामने आ सके

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