लखनऊ। सपा सु्प्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने रविवार को बड़ा कदम उठाते हुए सपा कार्यकारिणी और सभी फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया है। इसमें राष्ट्रीय के साथ प्रादेशिक इकाई के अलावा लोहिया वाहिनी, छात्र सभा, यूथ ब्रिगेड शामिल हैं। बताया गया कि सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम अपने पद पर बहाल रहेंगे।
बताया जा रहा है कि अखिलेश के एक्शन पर सपाइयों में हलचल बढ़ गई है। वहीं माना जा रहा है कि पार्टी कार्यपरिषद के सम्मेलन के बाद नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन अगस्त के अंतिम सप्ताह या फिर सितंबर में हो सकता। वहीं विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद से ही लगातार कार्यकारिणी भंग करने की संभावनाएं बनी हुईं थी।
अखिलेश के एक्शन के पीछे बताई जा रही ये वजह
दरअसल अखिलेश यादव ने आजमगढ़ और रामपुर में हुए लोकसभा उप-चुनाव में मिली करार हार के 8वें दिन यह एक्शन लिया है। बताया जा रहा है कि अखिलेश ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को नई टीम के गठन की जिम्मेदारी दी है। वहीं अखिलेश ने नई टीम के गठन के लिए चार समिति के सदस्य नामित करने को लेकर भी सुझाव मांगे हैं।
इधर अखिलेश के इस बड़े एक्शन के पीछे की वजहों को लेकर जिन बातों की चर्चा है उसमें पार्टी 2017 से अभी तक कुछ खास प्रदर्शन जमीनी स्तर पर नहीं कर पाना, 2017 से सत्ता से हटने के बाद संगठन मुख्य भूमिका में कभी सक्रिय न हो पाना, 2022 के चुनाव को लेकर जिन पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी,
उनका जिम्मेदारी न निभा पाना, यूथ विंग और अन्य समाजवादी फ्रंटल विंग के पदाधिकारी सड़क पर जनता के मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन में सक्रिय नहीं रहना आदि बताया जा रहा है।
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