राष्ट्रपति पद की तस्वीर साफ: द्रौपदी मुर्मू का पलड़ा कितना भारी, क्यों रेस से बाहर दिख रहे हैं यशवंत, जाने पूरा गणित

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The picture of the presidency is clear: How heavy is Draupadi Murmu's upper hand, why Yashwant is looking out of the race, know the complete maths
झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे।

नई दिल्ली। देश में अगले राष्ट्रपति के लिए चुनावी प्रकिया तेज हो गई। अब तस्वीर लगभग साफ हो गई है कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, क्योंकि पक्ष-विपक्ष ने अपने-अपने प्रत्याक्षियों को मैदान में आगे उतार दिया है। अब एक -दूसरे को क्षय मात का खेल देने के लिए ​फील्डिंग की तैयारी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने एनडीए की ओर से ओडिशा की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

चहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने पूर्व वित्तमंत्री और पुराने भाजपाई नेता यशवंत सिन्हा पर दांव खेला है। ऐसे में एक बार फिर से यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी एकता भाजपा के सामने कितनी मजबूत दिखती है। आंकड़ों पर नजर डाले तो द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा कमजोर दिखाई दे रहे हैं। चुनावी गणित के लिहाज से वह रेस से बाहर होते दिख रहे हैं। देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसकी हकीकत तो जुलाई में सामने आएगी। लेकिन आंकड़ों का पलड़ा द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में भारी पड़ता दिखाई दे रहा है।

द्रौपदी मुर्मू की स्थिति

एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। एनडीए के पास अभी कुल 5,26,420 मत हैं। राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए मुर्मू को 5,39,420 मतों की जरूरत है। अब अगर चुनावी समीकरणों को देखें तो ओडिशा से आने के कारण सीधे तौर पर मुर्मू को बीजू जनता दल(बीजद) का समर्थन मिल रहा है। यानी बीजद के 31000 मत भी उनके पक्ष में पड़ेंगे। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे चुके हैं। इसके अलावा अगर वाईएसआर कांग्रेस भी साथ आती है तो उसके भी 43000 मत उनके साथ होंगे। इसके अलावा आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल है। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे।

सिन्हा का पलड़ा कमजोर

द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा का पलड़ा काफी कमजोर दिखाई दे रहा है। एकमत विपक्ष के उम्मीदवार होने के बाद भी उनके पास फिलहाल 3,70,709 वोट हैं। हालांकि, यह भी देखना दिलचस्प होगा कि राजग के सामने विपक्षी एकता कितने समय तक कायम रह पाती है।

यहां समझें पूरा गणित

  • राजग- कुल मत : 5,26,420
  • जीत के लिए जरूरी : 5,39,420

बीजद (31,000 मत) व वाईएसआर कांग्रेस (43,000 मत) का समर्थन मिलने पर सत्तारूढ़ राजग की स्थिति : 6,00,420 आदिवासी के नाम पर राजनीति करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए मुर्मू का विरोध करना मुश्किल। झामुमो दबाव में आई तो मुर्मू को करीब 20000 वोट और मिल जाएंगे। अभी झामुमो को छोड़ भी दें, तो राजग के पास छह लाख से ज्यादा मत हैं।

विपक्ष : सिन्हा बहुत पीछे

  • विपक्ष के पास करीब 3,70,709 वोट
  • यूपीए : 2,59,000
  • टीएमसी : 58,000
  • सपा : 28,688
  • वाम दल : 25,000 वोट

अब नामांकन की बारी

एनसीपी चीफ शरद पवार के मुताबिक, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं सूत्रों के मुताबिक, एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 25 जून को नामांकन दाखिल कर सकती हैं। राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा। वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अंतिम तिथि 29 जून है।

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