उपचुनाव: आजमगढ़ से डिपंल यादव के सामने रमाकांत यादव लड़ सकते है चुनाव

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By-election: Ramakant Yadav can contest in front of Dimple Yadav from Azamgarh
रमाकांत का टिकट कटने के बाद बगावत तेज होने की आशंका बढ़ गई

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा खाली गई आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने है। अखिलेश यादव इस सीट से अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनाव लड़ाना चाहते है, लेकिन इस सीट से पूर्व पूर्व सांसद रमाकांत यादव भी चुनाव लड़ना चाहते है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने गत दिवस विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद वे अखिलेश से मिलने भी पहुंचे थे। वहीं देर शाम अखिलेश यादव द्वारा खाली की गई सीट पर उनकी पत्नी डिंपल यादव को टिकट मिलने की घोषणा हुई। 2014 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़े और जीत हासिल की। वहीं रमाकांत का टिकट कटने के बाद बगावत तेज होने की आशंका बढ़ गई;

रमाकांत का रहा है वर्चस्व

मालूम हो कि यादव और मुस्लिम बहुल आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 1996, 1999 और 2004 में सपा के टिकट से और 2009 में भाजपा के टिकट पर रमाकांत यादव सांसद चुने गए थे। अब वे इसी लोकसभा क्षेत्र में आने वाली फुलपुर पवई से सपा विधायक हैं। यहां 2014 में मुलायम सिंह यादव और 2019 में अखिलेश यादव सांसद बने। विधान सभा चुनाव में करहल से विधायक बनने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ से इस्तीफा दे दिया है।

बसपा से शाहआलम मैदान में

आजमगढ़ की सीट पर होने वाला उपचुनाव बहुत ही रोचक होने वाला। यहां से बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा है। भाजपा भी यादव उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। यहां की सभी 10 सीटों पर सपा के विधायक हैं। ऐसे में सपा किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि आजमगढ़ उपचुनाव के लिए डिंपल यादव के नाम पर विचार चल रहा है। सैफई परिवार के दूसरे सदस्यों को लेकर भी विचार किया जा रहा है।

इस बीच पार्टी के एक धड़े का मानना है कि पूर्व सांसद रमाकांत यादव पर ही दोबारा दांव लगाया जा सकता है। क्योंकि वे स्थानीय हैं। जनता के बीच मजबूत पकड़ होने से वोटों का बिखराव भी नहीं होगा। जिलाध्यक्ष हवलदार यादव और अन्य स्थानीय नेता भी अपनी वफादारी का हवाला देकर टिकट मांग रहे हैं।

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