डॉ लक्ष्मी सहगल के जन्मदिवस आनलाइन कार्यक्रम का आयोजन

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Online program organized on the birthday of Dr. Laxmi Sehgal
लक्ष्मी सहगल
  • आजाद हिंद फौज की रानी झांसी रेजिमेंट की कमान्डर-इन-चीफ डॉ लक्ष्मी सहगल के जन्मदिवस पर सोशलिस्ट फाउंडेशन द्वारा परिचर्चा का आयोजन

लखनऊ। आजाद हिंद फौज की रानीलक्ष्मीबाई बिग्रेड की कमान्डर डॉ लक्ष्मी सहगल के जन्मदिवस -24, अक्टूबर (2014)-के अवसर पर सोशलिस्ट फाउंडेशन के तत्वावधान में गूगल मीट पर आन लाइन परिचर्चा आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी की कर्णधार रही, जुझारु नेत्री पूनम पूनम जी ने की।परिचर्चा का आरंभ करते हुए सोशलिस्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष साथी राम किशोर ने कहा कि जिस समय युवजन अपने जीवन के भविष्य के विषय में सोचते हैं, अपने कैरियर के बारे में चिंता करते हैं,उस समय डॉ लक्ष्मी सहगल ने डाक्टरी की परीक्षा पास कर लेने पर देश को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए, स्वयं को अर्पित कर दिया। डॉ लक्ष्मी सहगल विश्व में महिलाओं की पहली सेना -आजाद हिंद फौज की रानी झांसी रेजिमेंट-की पहली कमान्डर इन चीफ़ बनीं थी।

अपना जीवन अर्पण किया

राम किशोर ने कहा कि डॉ लक्ष्मी सहगल ने जिन जीवन मूल्यों के लिए अपना जीवन अर्पण किया,वे आज भी अधूरे हैं। उनकेे हल के लिए संघर्ष करना, उन्हें पूरा करना हमारा दायित्व है।जनवादी महिला समिति, उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष एवं देश की सुप्रसिद्ध महिला नेत्री साथी मधु गर्ग ने कहा कि डॉ लक्ष्मी सहगल महिलाओं के स्वास्थ्य के विषय में अत्यंत चिंतित रहती थीं । उन्होंने अनेक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वे अत्यंत निडर होकर अपनी बात बग़ैर किसी भी लाग-लपेट के कहती थीं ।

“विवेक शक्ति ” पत्रिका के सम्पादक कुलदीप सक्सेना ने कहा कि गरीबों , मजदूरों ,साधनहीनों की सहायता करना वे अपना कर्तव्य समझती थीं । उन्होंने अनेक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि लक्ष्मी सहगल ने कानपुर को अपना कार्यक्षेत्र चुना ,यह कानपुर का सौभाग्य था । उन्होंने बताया कि उनकी अंतिम यात्रा के समय जो जन सैलाब उमड़ा उसनेे प्रमाणित कर दिया कि कानपुर की जनता कैप्टन लक्ष्मी सहगल को कितना प्यार ,आदर और सम्मान करती है।

आजादी तीन प्रकार की होती है

आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल के महामंत्री साथी ओ पी सिन्हा ने कहा कि लक्ष्मी सहगल कहती थीं कि आजादी तीन प्रकार की होती है। राजनीतिक आजादी ,आर्थिक आज़ादी और सामाजिक आजादी। हमने राजनीतिक आजादी तो प्राप्त कर ली है परन्तु अभी तक हमें आर्थिक और सामाजिक आजादी नहीं मिल पाई है वे कहती थीं कि हमको आर्थिक और सामाजिक आजादी प्राप्त करनी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सुश्री पूनम पूनम ने कहा कि आज जिस प्रकार का वातावरण निर्मित कर हमारे शहीदों , स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कलंकित करने और भुलाने का प्रयास किया जा रहा है उससे जूझने और लडने का समय आ गया है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मुल्क की आजादी में एक नाखून तक नहीं कटाया और जो फिरंगियों की जासूसी में लगे थे वो आज देश भक्ति के सार्टिफिकेट बांट रहे हैं । हमें जनता को इन समाज द्रोहियों से सावधान रखना है । कार्यक्रम का संचालन पीपुल्स यूनिटी फ़ोरम के संयोजक वीरेंद्र त्रिपाठी , एडवोकेट ने किया व धन्यवाद ज्ञापन शहीद स्मारक शोध केन्द्र के मंत्री साथी जय प्रकाश ने किया।

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