
लखनऊ। शहीद अशफाक उल्ला खान के जन्मदिवस के अवसर पर “बिस्मिल-अशफ़ाक स्मृति मंच लखनऊ” ने याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मंच ने एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में शहीद अशफ़ाकउल्ला खां के पौत्र जनाब अशफ़ाकउल्ला खां व समाजसेवी व शिक्षाविद रिमी बघेला जी ने अपना वक्तव्य रखा। इस कार्यक्रम का संचालन शिवम तिवारी जी ने किया ।
जनाब अशफ़ाकउल्ला खां ने छात्र नौजवानों से अपील की शहीदों के सपनों का समाज बनाने के लिए क्रांतिकारियों के आदर्श को और चरित्र को आत्मसात कर बेहतर इंसान बने साथ ही साथ समाज में अत्याचार शोषण जुल्म के खिलाफ अपनी आवाज को हमेशा बुलंद रखें। रिमी बघेला जी ने समाज में व्याप्त चौतरफा संकट के खिलाफ एक सशक्त जन आंदोलन निर्मित करने का छात्र नौजवानों से आह्वान किया और अनुरोध किया कि शहीदों क्रांतिकारियों के सपनों का भारत बनाने के लिए खुद को आगे लाएं।
श्रद्धांजलि सभा में बबिता समर व अंजलि ने क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किया । अशुकांति सिन्हा जी ने सरफरोशी की तमन्ना की धुन पर बांसुरी वादन किया। कार्यक्रम में बिस्मिल-अशफ़ाक स्मृति मंच सह-संयोजक पुष्पेंद्र ने और संयोजक यादवेन्द्र ने छात्र नौजवानों से आह्वान किया एक कि उन्नत समाज बनाने के लिए उनके ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी है, इस कर्तव्य को पूरा करने के लिए आजादी आंदोलन के शहीद क्रांतिकारियों, मनीषियों के चरित्र को, आदर्श को और सामाजिक मूल्यों को अपनाकर शोषण विहीन समाज बनाने के दायित्यों को स्वीकार करें।