
लखनऊ-बिजनेस डेस्क: टीमलीज स्किल्स युनिवर्सिटी की ओर से भारत के सबसे बड़े एप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम (नेशनल एम्पलॉयबिलिटी थ्रू एप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम) ने 2021 की दूसरी तिमाही (जुलाई से दिसम्बर 2021) के लिए अपनी एप्रेन्टिसशिप आउटलुक रिपोर्ट के नए एडीशन का लॉन्च किया है। रिपोर्ट के तहत 14 शहरों में विश्लेषण किया गया, जिनमें से लखनऊ एप्रन्टिसेज़ के लिए प्रमुख गैर-महानगर के रूप में उभरा है।
लखनऊ में 79 फीसदी नियोक्ता एप्रेन्टिसेज़ की भर्तियां करना चाहते हैं। वास्तव में, पिछले तीन सालों के दौरान लखनऊ में एप्रेन्टिसेज़ की भर्तियों के रूझान 44 फीसदी सालाना की दर से बढ़े हैं। अखिल भारतीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो 45 फीसदी से अधिक नियोक्ता एप्रेन्टिसेज़ भर्तियां करना चाहते हैं। 2021 की पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में एप्रेन्टिसेज़ की भर्तियों के रूझानों में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इंडिया इंक करेगी भर्ती
साल के पहले अर्द्धवर्ष में मात्र 57 फीसदी इंडिया इंक भर्तियां करना चाहता था, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 79 फीसदी है। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सुमित कुमार, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, नेशनल एम्पलॉयबिलिटी थ्रू एप्रेन्टिसशिप प्रोग्राम, टीमलीज़ स्किल्स युनिवर्सिटी ने कहा, ‘‘लखनऊ एपेन्टिसेज़ की भर्तियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बाज़ारों में से एक है। पिछले सालों के दौरान क्षेत्र में विकसित होते ओद्यौगिक बेल्ट एवं एप्रेन्टिसशिप की योग्यता के बारे में बढ़ती जागरुकता के चलते उनकी भर्तियों के रूझान लगातार बढ़े हैं।
8 फीसदी सालाना वृद्धि
वास्तव में शहर में एपेंसिज की भर्तियों के रूझान 8 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहे हैं। परिधान एवं टेक्सटाईल्स, ऑटोमोबाइल्स एवं एंसीलसीज़, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स, दूरसंचार एवं ई-कॉमर्स, पांच मुख्य सेक्टर हैं, जिनमें एप्रेन्टिसेज़ की भर्तियों के रूझान तुलनात्मक रूप से अधिक हैं। लखनऊ ग्रेजुएट एवं व्यवसायिक कौशल प्राप्त करने वाले एप्रेन्टिसेज़ के लिए अनुकूल शहर बना हुआ है।’’ रिपोर्ट के परिणामों के बात करें तो एपेन्टिसेज़ के लिए सबसे ज़्यादा मांग इन जॉब रोल्स में बनी हुई है- फिटर एवं वेल्डर, इलेक्ट्रिशियन /वायरमैन, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर, सिविल इंजीनियर, एचआर एक्ज़क्टिव, सेल्स एण्ड मार्केटिंग एक्ज़क्टिव, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रोनिक्स टेकनिशियन, आईटी/ कम्प्युटर टेकनिशियन।
एप्रेन्टिसशिप मॉडल में रूचि ले रहे युवक
‘महामारी के चलते पिछला डेढ़ साल उद्योगों के लिए बेहद अनिश्चित रहा है, हालांकि इन सभी अनिश्चितताओं के बावजूद कंपनियां प्रतिभाशाली उम्मीदवारों की भर्तियों में निवेश करना चाहती हैं। वास्तव में पिछले 2 सालों में एचआर के सभी फैसलों में उत्पाकता पर विशेष ध्यान दिया गया है, यही कारण है कि एप्रेन्टिसशिप मॉडल में नियोक्ताओं की रूचि बढ़ रही है। आने वाले समय में भी रूझान ऐसे ही बने रहेंगे क्योंकि नियोक्ता कुशल, प्रतिभाशाली एवं उत्पादक एप्रेन्टिसेज़ की क्षमता को समझ रहे हैं।’’ श्री कुमार ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा।
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