नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने मकसद से ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में संशोधन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह देश भर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया था।
इसमे अब संशोधन किया गया है। बताया गया कि इसका लाभ सभी जर्नलिस्ट्स को होगा। जानकारी के मुताबिक यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी।
वहीं इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है। इसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। बताया गया कि विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक इसके हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।
बताया गया कि यह योजना पत्रकारों से संबंधित 1955 के एक अधिनियम “Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act 1955” के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देश भर के जर्नलिस्ट पर लागू किया गया है।
वेब न्यूज़ और टीवी जर्नलिस्ट्स को भी होगा लाभ
बताया गया कि अब इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई। वहीं अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है और वेब पर भी अच्छी पत्रकारिता की जा रही है। इसके साथ ही सभी न्यूज पेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है।
बताया गया कि इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी। बताया गया कि इसकी विस्तृत जानकारी सूचना विभाग की अधिकारिक वेबसाइट से भी प्राप्त की जा सकती है।
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