चंडीगढ़। किसान आंदोलन स्थल सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर शु्क्रवार को पंजाब के रहने वाले युवक की हत्या के मामले में संयुक्त किसान मोर्चा घिरता नजर आ रहा है। मीडिया में मामले के छाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी निंदा की है। एक प्रेस नोट जारी करके संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि मोर्चा के संज्ञान में आया है कि शुक्रवार सुबह सिंघु मोर्चा पर पंजाब के एक व्यक्ति (लखबीर सिंह, पुत्र दर्शन सिंह, गांव चीमा कला, थाना सराय अमानत खान, जिला तरनतारन) का अंग भंग कर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के लिए घटनास्थल के एक निहंग समूह/ग्रुप ने जिम्मेदारी ली है, और यह कहा है कि ऐसा उस व्यक्ति द्वारा बेअदबी करने की कोशिश के कारण किया गया। खबर है कि यह मृतक उसी समूह/ग्रुप के साथ पिछले कुछ समय से था।
वहीं भाजपा ने इस मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा को जिम्मेदार ठहराते हुए घेरा है। वहीं नोट में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा इस नृशंस हत्या की निंदा करते हुए यह स्पष्ट कर देना चाहता है कि इस घटना के दोनों पक्षों, इस निहंग समूह/ग्रुप या मृतक व्यक्ति, का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। हम किसी भी धार्मिक ग्रंथ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ हैं, लेकिन इस आधार पर किसी भी व्यक्ति या समूह को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं है।
हम यह मांग करते हैं कि इस हत्या और बेअदबी के षडयंत्र के आरोप की जांच कर आरोपियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानून सम्मत कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा। लोकतांत्रिक और शांतिमय तरीके से चला यह आंदोलन किसी भी हिंसा का विरोध करता है।
भाजपा ने राकेश टिकैत को घेरा
वहीं इस मामले को लेकर भाजपा के आइटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कुंडली बॉर्डर पर हुई युवक की हत्या के बाद किसान नेता राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर योगेंद्र यादव के बगल में बठैकर राकेश टिकैत लखीमपुर में हुई मॉब लिंचिंग को सही न ठहराते तो आज कुंडली बॉर्डर पर युवक की इस तरह से हत्या न होती। उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे फैलाई जा रही अराजकता को बेनकाब करने की जरूरत है।
लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के बाद आक्रोशित भीड़ ने भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीट कर मार डाला था। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता किसानों का विरोध करने लगे थे। कई जगह यह भी मांग उठने लगी कि लोगों की पहचान कर उन पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि वह इसे मॉब लिंचिंग नहीं मानते यह सिर्फ क्रिया की प्रतिक्रिया है।
- महानवमी’ पर ‘रामनवमी’ की बधाई देकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा
- मुरादाबाद में 98 जोड़ों ने एक साथ खाई साथ जीने मरने की कसमें,एक-दूसरे को चुना जीवन साथी