बीएसएफ और ताकत देने से कांग्रेस और अकाली दल को आपत्ति, भाजपा ने बताया राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला

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Congress and Akali Dal object to giving BSF more strength, BJP told it a matter of national security
राज्य सरकार के अनौपचारिक अनुरोध के बिना केंद्र इस तरह से धक्काशाही नहीं कर सकता।

चंडीगढ़। देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) को पंजाब में बॉर्डर से 50 किलोमीटर क्षेत्र में कार्रवाई करने का अधिकार दिए जाने के बाद पंजाब में सियासत गरमा गई है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने केंद्र के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति प्रकट की है। हालांकि भाजपा ने केंद्र के इस फैसले का बचाव करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताया है। इसके साथ ही इस मामले में सभी दलों से राजनीति नहीं करने की अपील की है।

इसलिए शिअद ने जताई आपत्ति

केंद्र सरकार के फैसले को शिअद ने लगभग आधे राज्य को बीएसएफ के हवाले करने के कदम को इतने हिस्से में परोक्ष रूप से राष्ट्रपति शासन लगाना बताया है। यह वस्तुत: राज्य को वास्तविक केंद्र शासित प्रदेश में बदलना है। राज्य को सीधे केंद्र शासन के तहत करने के इस प्रयास का विरोध हो रहा है। एक बयान में अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सांविधानिक प्रावधानों का दुरुपयोग कर संघीय सिद्धांत पर हमला हुआ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीएसएफ को राज्य पुलिस की सामान्य ड्यूटी छीनकर व्यापक शक्तियां दी गई हैं। संविधान के अनुसार केवल राज्य सरकार ही बीएसएफ को राज्य प्रशासन की सहायता के लिए बुला सकती है। राज्य सरकार के अनौपचारिक अनुरोध के बिना केंद्र इस तरह से धक्काशाही नहीं कर सकता।

इस फैसले के बढ़ते विरोध को देखते हुए भाजपा ने केंद्र के इस फैसले का बचाव किया है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा देश के 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सुरक्षा बलों के समाविष्ट क्षेत्र में परिवर्तन करने के मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है जिस पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर विरोध जताने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इन दोनों को राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा अपने दलों की सुरक्षा की चिंता है।

पुनर्विचार का आग्रह करेगी पंजाब सरकार

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीमावर्ती राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के फैसले को पंजाब सरकार ने राज्यों के अधिकार क्षेत्र में केंद्र की दखलंदाजी करार दिया है। प्रदेश के राजनीतिक दलों ने इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं वहीं राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करेगी और फैसला वापस लेने का आग्रह किया जाएगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्र में सीमापार की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है और सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि बीएसएफ की सीधी कार्रवाई से आम लोगों में रोष पनप सकता है। सरकार का तर्क है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करी बढ़ने से यह कदम उठाया गया है।

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