अयोध्या। अयोध्या जनपद के न्यायालय को एक ऐतिहासिक न्यायालय माना जाता है, यहां पर कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं जिसका इतिहास गवाह है।लेकिन न्याय के इस मंदिर में अब बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा। घुसखोरी की वजह से यहां की व्यवस्था पर ऊंगली उठने लगी है। इस बार सिविल जज भगवानदास गुप्ता पर आरोप लगा है कि उन्हें सुविधा शुल्क नहीं मिला तो उन्होंने तीन महिला आरोपियों को जेल दिया,जबकि दो लड़कियों की इसी माह सगाई होने वाली थी उन्हें अंतरिम जमानत आसानी से दी जा सकती थी।
पीड़ित महिलाओं के अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद द्वारा एसएसपी अयोध्या को दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार मुकदमा अपराध संख्या 488/2020 सरकार बनाम नियाज अहमद आदि में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र सिविल जज सीनियर डिवीजन/एसीजेएम भगवान दास गुप्ता के न्यायालय में प्रस्तुत किया था सभी फाइलों में सुनवाई हुई परंतु मेरी फाइल को जज साहब ने अपने पास रख लिया पूछने पर वे नाराज होकर जमानत खारिज कर देने की बात कहने लगे जिस पर मैने उनसे प्रार्थना किया कि साहब तीनों महिलाएं है, जिसमें दो लड़कियां और एक उनकी मां है, इनको रियायत मिलनी चाहिए।
मेरा अंतरिम जमानत अर्जी ही स्वीकार कर लीजिए, क्योंकि दोनों लड़कियों की 10 अक्टूबर को सगाई है इससे उनके रिश्ते पर असर पड़ेगा, उनकी सगाई टूट सकती हैं या दीजिए मैं प्रार्थना पत्र पर नॉट प्रेस कर दू, परंतु वे जेल भेजने की बात कहकर मेरी फाइल लेकर अंदर चले गए मैं वापस चला आया और थोड़ी देर के बाद पुनः कोर्ट पर गया वहां चपरासी प्रवीण कुमार और कोर्ट मोहर्रिर शालिनी यादव से साहब से मुलाकात करवाने की बात कही तो शालिनी यादव ने कहा कि साहब ने कहा है कि वकील साहब ₹-20000/- दे दे तो जमानत हो जायेगी और मुझे भी कुछ दे दीजिए तो मैं साहब से कहकर जमानत करवा दूंगी।
इस बात की शिकायत संघ के महामंत्री और जिला जज से की गई तो जिला जज ने अंतरिम जमानत दे दिया लेकिन इसी बीच सिविल जज भगवानदास गुप्ता ने तीव्रता दिखाते हुए तीनों महिलाओं को जेल भेज दिया।सिविल जज के इस हरकत से अधिवक्ताओं में आक्रोश उत्पन्न हो गया और पैसे लेकर जमानत देने वाले बात पर संघ के महामंत्री कृष्ण कुमार वर्मा ने नाराजगी दिखाते हुए कहने लगे की यह न्यायालय में व्याप्त अनियमितताओं की ही देन है जिस कारण मात्र घूस न देने की वजह से जज साहब ने जमानत नही दिया और इन महिलाओं को जेल जाना पड़ा दूसरे दिन ही रिहाई हो सकी ।
संघ के मंत्री और अ धिवक्ताओं ने अदालत में जज साहब के लिए कोर्ट मोहर्रीर शालिनी यादव व चपरासी प्रवीण कुमार द्वारा पैसे की मांग करना एक गंभीर अपराध और न्यायपालिका की गरिमा को गिराने वाला माना है।इस विषय को गंभीर मानते हुए बार एसोसिएशन के सामान्य सदन की एक बैठक आहूत कर विपक्षीगण के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कोतवाली नगर और एसएसपी अयोध्या को प्रार्थना पत्र दिया गया है।
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