गोरखपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड में शामिल हत्यारोपितों में दो और पुलिस के हत्थे चढ़ गए। यह दो आरोपित भी कोर्ट में आत्मसर्मपण करने के फिराक में थे। इसी दौरान पुलिस ने इन्हें इनपुट के आधार पर गिरफ्तार कर लिया।
आपकों बता दें कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर पुलिस की पिटाई से होटल में चेकिंग के दौरान मोत हो गई थी। इस मामले में कुल 6 आरोपी शामिल थी, जिनमे से अभी तक 4 पकड़े जा चुके है। यहां हत्यारोपी दारोगा राहुल दुबे और सिपाही प्रशांत को मंगलवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है। रविवार की देर शाम आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और दारोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कांड के चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है, जबकि दो अभी भी फरार चल रहे हैं।
15 दिन से तलाश रही थी पुलिस
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों की गिरफ्तारी रामगढ़ ताल के आजाद नगर में हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों हत्यारोपी कोर्ट में आत्मसमर्पण करने जा रहे थे। एसआईटी और पुलिस बीते 15 दिनों से लगातार छापेमारी कर रही है। अभी भी विजय यादव और मुख्य आरक्षी कमलेश यादव पुलिस की पकड़ से दूर हैं। बता दें कि इन सभी आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था।
यह है पूरा मामला
आपकों बता दें कि कानपुर के बर्रा निवासी प्रापटी डीलर और कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने आए थे। तीनों तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस के कमरा नंबर 512 में ठहरे थे। 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया।
आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। शुरुआत में पुलिस की ओर से नशे में गिरने से मौत बताया था मगर बाद में हत्या का केस दर्ज किया गया था। मालूम हो कि मृतक व्यापारी की पत्नी को यूपी के सीएम ने सरकारी नौकरी के साथ ही आर्थिक सहायता के साथ आरोपितों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था, जिसे एक—एक करके पूरा किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें…