मोदी यूनिवर्सिटी से तालीम लेकर सत्ता तक पहुंचना चाहती है प्रियंका

354
Priyanka wants to reach power by taking education from Modi University
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा के शीर्ष नेता के हुनर को अपनाने में सफलता की राह पर चलना शुरू कर दिया है।

लखनऊ-नवेद शिकोह। भारत में फार्मूला फिल्म की तरह सियासी सफलता का भी फार्मूला तय होता है। सियासत में विकास और बुनियादी जरूरतों की बात करना कला फिल्मों की तरह बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित होता हैं। मंडल-कमंडल से लेकर धर्म के जज्बात राजनीतिक दलों के लिए मुफीद (फायदेमंद) होते हैं। 2010 के बाद सोशल मीडिया का दौर आम होने लगा। और फिर इस माध्यम से आम जनता तक पहुंचने का दौर शुरू हुआ। तस्वीरों के जरिए जन-जन तक पंहुचकर आम लोगों के दिलों में जगह बनाने में भाजपा के सबसे बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी कामयाबी हासिल की। विशाल आईटीसेल के जरिए भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी और मोदी सबसे लोकप्रिय नेता।

सॉफ्ट हिन्दुत्व को अपनाया

बाद मुद्दत के यूपी में चर्चा में आई कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा के शीर्ष नेता के हुनर को अपनाने में सफलता की राह पर चलना शुरू कर दिया है। वो इन दिनों यूपी में अपनी तस्वीरों के जरिए चर्चा मे हैं। हांलाकि कांग्रेस का मूल स्वभाव शालीनता और सादगी है। दिखावा और आक्रामता कांग्रेस के मूल स्वाभाव में नहीं है। अपने मूल स्वभाव के विपरीत कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका आक्रामकता और सादगी की तस्वीरों के पोट्रेट पेश करके पार्टी में जान फूंक रही हैं। भाजपा के हिन्दुत्व के सफल फार्मूले से प्रभावित होकर ही कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने साफ्ट हिन्दुत्व को भी फॉलो करते हुए मंदिरों में चहलकदमी शुरू की थी।

पीएम मोदी राह पर प्रियंका

जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूड़ा बिनने, मोर को दाना खिलाने.. इत्यादि दर्जनों तस्वीरें ट्रेंड होती रही हैं ऐसे ही प्रियंका गांधी की हालिया तस्वीरें ट्रेंड कर रही हैं। और इस तरह यूपी में बंजर पड़ी कांग्रेस की जमीन में हरियाली नजर आने लगी है।आम जनता के दिल में जगह बनाने के लिए आम जनता तक पंहुचना ज़रूरी है। कोई बड़ा राजनेता आम इंसान की तरह पेश आए, आप इंसान की बात करे और एक आम इंसान के ठिकाने पर पंहुचे तो करोड़ों लोगों से उनका रिश्ता जुड़ जाएगा। क्योंकि आम इंसानों का सबसे बड़ा प्लेटफार्म सोशल मीडिया खास इंसान के आम अंदाज को फ्री में अनगिनत लोगों तक पहुंचा देता है।

मोदी ने सोशल मीडिया को बनाया हथियार

जुबान पर चर्चा और दिल में जगह बनाने के लिए ऐसे हुनर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माहिर हैं। भाजपा ने 2010 में आम हो रहे सोशल मीडिया के रिवाज को लपक कर इसे अपने प्रचार का सबसे बड़ा माध्यम बनाया था। आम समाज के सबसे बड़े इस प्लेटफार्म के माध्यम से भी नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय नेता बने। मुख्यधारा की मीडिया को भी सोशल मीडिया ने अपना गुलाम बना लिया, जो बात वीडियो या तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे मुख्यधारा की मीडिया को उसे फालो करने पर मजबूर होना पड़ा।

लखीमपुरखीरी से बढ़ा प्रियंका का कद

बूढ़ी मां को भोजन खिलाना, भावुक होकर रो देना, गरीबों की बात करना.. मंदिरों या गूफा में बैठकर आराधना करना जैसी दर्जनों तस्वीरें प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में चार चांद लगाती रही हैं। सियासत के इस नए फार्मूले में कांग्रेस भी ढलती नजर आने लगी है। भाजपा सरकार का मुसल्सल विरोध कर रहा किसान आंदोलन लखीमपुर घटना में शबाब पर पहुंचा तो इसका माइलेज यूपी के सबसे बड़े विपक्षी दल सपा के बजाय कांग्रेस को मिला। क्योंकि प्रियंका गांधी ने मृतकों के परिजनों से मिलने सबसे पहले रात को ही निकल गईं थी। और बरसात मे वो रात भर संघर्ष करती रहीं और इस संघर्ष की एक एक तस्वीर/वीडियो वायरल होती रहीं। लखीमपुर जाने के सफर में गिरफ्तारी से लेकर पुलिस से तकरार करती तस्वीरों से लेकर झाड़ू लगाने की तस्वीरों का आभामंडल सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब रहा।

प्रियंका ने सरकार को लाया बैकफुट पर

किसानों और अन्य लोगों की ह्दयविदारक मौत की चर्चा तेज हो गई। फिर न्यायालय ने भी इसे संज्ञान में लेकर सरकार को फटकार लगाई। अंततः गृह राज्य मंत्री के पुत्र को इस घटने के आरोप में जेल जाना पड़ा। इस पूरी घटना में सरकार को बैकफुट पर लाने का क्रेडिट प्रियंका गांधी को दिया जा रहा है। उनकी सक्रियता अभी भी जारी है। सरकार के खिलाफ और किसानों के समर्थन में उनके वाराणसी कार्यक्रम में खासी भीड़ रही।

यहां जाने से पहले एयरपोर्ट की बस में हैंडल (छत का डंडा) पकड़े खड़ी प्रियंका गांधी की एक तस्वीर फिर ट्रेंड हुई। हांलाकि इस पर फोटों छपास के व्यंग्य करते हुए सवाल भी उठाए गए। सोशल मीडिया पर ही चर्चा रही कि बस की सीटें खाली हैं लेकिन खुद की सादगी साबित करने के लिए प्रियंका बस का डंडा (अपर हैंडल) पकड़े खड़ी हैं। लोगों ने ये भी कहा कि आम इंसानों की आम सादगी वाली तस्वीरों के साथ वो जनाधार बनाने के नये सियासी रिवाज पर अमल कर रही हैं।

– नवेद शिकोह
9918223245

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here