
ग्वालियर। दोस्तों अभी तक आप ने तलाक के बहुत से केस पढ़ें होंगे, लेकिन इस केस को पढ़ने के बाद आप भी कह उठेंगे यह तो अब तक सबसे अनोखा मामला है। अभी तक लोग तलाक का केस इसलिए लताते है,क्योंकि वह अपने पाटर्नर से संतुष्ट नहीं होते और वह उनसे मुक्ति पाना चाहते है,लेकिन इस केस में दोनों एक-दूसरे से बेइतहा प्यार करते है। दोनों एक -दूसरे से अलग नहीं होना चाहते, फिर भी हालात ऐसे बना गए है कि दोनों को एक-दूसरे को अलविदा कहना ही पड़ा।
यह अनोखा मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर से सामने आया है। इस मामल में तलाक देने वाला पति हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है, इस बीच उसे अपनी पत्नी की चिंता सताई जो उसके गुनाहों की सजा उसके घर पर अकेल रहकर काट रही थी।
उसे ख्याल आया कि उसकी पत्नी न जाने कितनी—कितनी परेशानियां झेल रही होगी, इसलिए उसने उसे अपने वैवाहिक जीवन से आजाद करने के लिए तलाक देने का मन बनाया। हत्यारोपित ने जेल से पत्नी को तलाक की नोटिस भेजी, कोर्ट ने उसकी भल मनसाहित को समझते हुए बिना 6 महीन का समय दिए दोनों को अलग कर दिया।
ग्वालियर के सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे राजेश दुबे को स्पेशल वारंट पर हाईकोर्ट की खंडपीठ में तलाक के मामले की सुनवाई के लिए लाया गया था। यह मध्य प्रदेश का पहला ऐसा मामला है, जिसमें जेल में रहते हुए किसी पति ने पत्नी को तलाक दिया है, ताकि पत्नी अपनी जिंदगी जी सके।
कब तक करती पति का इंतजार
उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी राजेश मिश्रा के मन में ख्याल आया कि आखिर उसकी पत्नी कब तक उसके लौटने का इंतजार करते हुए जीवन काटती, जबकि उसे तो उम्र कैद की सजा हुई है। ऐसे में पत्नी को सामजिक रूसवाईयों से बचाने के लिए उसने पत्नी से अलग होने का फैसला किया। ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि राजेश और उनकी पत्नी एक-दूसरे से अलग नहीं होना चाहते थे, लेकिन एक अपराध ने उनकी जिंदगी को तबाह कर दिया था। दोनों की शादी को 11 साल हो चुके थे। जब जेल में रहते राजेश ने पत्नी को तलाक की अर्जी भेजी, तो वो हैरान रह गई, वह इसके लिए कतई तैयार नही थी, काउंसलर के समझाने के बाद वह किसी तरह मान गई।
काउंसलिंग से किया तैयार
कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इस मामले को काउंसलिंग के लिए भेजा। काउंसलर के सामने राजेश ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैं ताउम्र जेल में रहूंगा और बाहर पत्नी दाने-दाने को मोहताज होगी। नर्क सी जिंदगी भोगेगी। कब तक मेरे लौटने का इंतजार करेगी। मेरी गलती की सजा उसे क्यों मिले। ये दर्द मुझे तिल-तिलकर मारता रहेगा। इसलिए वह चाहता है कि पत्नी उससे तलाक लेकर दूसरी शादी कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करे। अपनी जिंदगी जिए।
कभी वह रोती तो कभी वह रोता
आपकों बता दें कि एक भारतीय पत्नी के लिए पति के साथ बिताए गए 11 साल के शादी शुदा जीवन को भुलाना आसान नहीं होता। वह तलाक देने को राजी नही थी, इसके बाद काउंसलर ने भी उसे समझाया, जिसके बाद उसने भारी मन से तलाक को राजी हो गई। कोर्ट ने बिना समय गवाए तत्काल तलाक मंजूर कर लिया।
इसे भी पढ़ें….