शरीर में किसी भी प्रकार के दर्द को न करें अनदेखा, हो सकती है बड़ी समस्या

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लखनऊ। हमें अक्सर दर्द होता है, लेकिन हम ध्यान ही नहीं देते। दरअसल दर्द सबसे आम लक्षण है और सबसे अधिक उपेक्षित भी। यदि इसे अनदेखा किया जाए तो यह जीवन की गुणवत्ता और दिन-प्रतिदिन के जीवन को प्रभावित करता है।  अधिकतर लोगों के शरीर में दर्द होता है मगर वे उस पर ध्‍यान नहीं देते हैं। इस बात की तस्दीक करते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्‍थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्‍यानंद ने संस्‍थान के एनेस्थीसियोलॉजी, क्रिटिकल केयर एवं पेन मेडिसिन विभाग द्वारा रेडियोफ्रीक्‍वेन्‍सी इंटरवेंशन इन पेन मेडिसिन-ट्रेन्‍ड्स एंड फ्यूचर विषय पर आयोजित लाइव कार्यशाला एवं सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर अपने मुख्‍य आतिथ्‍य सम्‍बोधन की।

प्रो नित्‍यानंद ने कहा कि इस पद्धति द्वारा लंबे समय के दर्द का इलाज कर पीड़ित को एक बेहतर विकल्प दिया जा सकता है, बेहतर जीवन दिया जा सकता है उन्होंने यह भी कहा कि कार्यशाला में उपस्थित डॉ अनिल अग्रवाल एसजीपीजीआई के संयुक्त प्रयास से उन्होंने गंभीर पुराने दर्द के रोगियों का इलाज किया है। उन्होंने कार्यशाला की आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की ज्ञानवर्धक कार्यशाला संस्थान में आयोजित होती रहनी चाहिए। दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान की निदेशक प्रो सोनिया नित्यानंद, डीन प्रो नुजहत हुसैन एवं एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो दीपक मालवीय द्वारा किया गया।

डॉ. दीपक मालवीय ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि यह कार्यशाला प्रदेश की प्रथम कार्यशाला है इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन इससे पूर्व किसी भी संस्थान द्वारा नहीं किया गया। उनके मुताबिक भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही संस्‍थान में रेडियोफ्रिकवेंसी इंटरवेंशन पद्धति द्वारा मरीजों का इलाज शीघ्र ही प्रारंभ करना सुनिश्चित किया जाएगा। कार्यक्रम में आर्टेमिस हॉस्पिटल के डॉ आशू जैन ने वर्षों पुराने पीठ दर्द के लोगों में कूल्‍ड रेडियो फ्रीक्‍वेन्‍सी माइक्रोप्लास्टिक तकनीक द्वारा लाइव वर्कशॉप में इलाज की विधि का प्रदर्शन किया। डेडीकेटेड पेन स्पाइन हॉस्पिटल की पहली श्रृंखला के निदेशक डॉ पंकज ने पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी घुटने के दर्द के लिए कूल्‍ड रेडियोफ्रीक्‍वेंसी तकनीक द्वारा लाइव वर्कशॉप में उपचार का प्रदर्शन किया।

एसजीपीजीआई के डॉ सुजीत कुमार सिंह गौतम और डॉ चेतना शमशेरी ने भी पुराने दर्द के रोगियों पर कई मिप्‍सी तकनीक द्वारा उपचार का प्रदर्शन किया। इसके अलावा डॉ अमितेश पाठक ने ट्राई जैमिनल न्यूरोलॉजिया के लिए कूल्‍ड रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा लाइव वर्कशॉप में उपचार का प्रदर्शन किया। वहीं कार्यशाला का हिस्सा रहे रोगियों को भी इस चिकित्सा पद्धति का लाभ मिला और उन्हें आगे के परामर्श के लिए पेन मेडिसिन ओपीडी में आने के लिए कहा गया। इसके साथ ही चिकित्सक और डेलीगेट जो इस कार्यशाला का हिस्सा थे। उनके मुताबिक यह तकनीक उनके द्वारा मरीजों का इलाज करने में सहायक होगी।

इस कार्यशाला के आयोजन में संयोजक डॉ. अनुराग अग्रवाल तथा सचिव डॉ शिवानी रस्तोगी का विशेष योगदान रहा, उनके इस प्रयास के लिए निदेशक ने बधाई दी। इसके बाद डॉ पीके दास के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यशाला के प्रथम दिवस का समापन हुआ।

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