
लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव को लेकर इन दिनों खेमेबाजी तेज हो गई है। अखिलेश यादव द्वारा चाचा शिवपाल यादव को ज्यादा तव्वजों नहीं दिए जाने से शिवपाल यादव अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे है। इसका फायदा उठाने के फेर में बुधवार को ओवैसी और राजभर शिवपाल से मिलने उनके घर पहुंचे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि छोटे दलों के गठबंधन का ताना बाना बुना जा रहा है।इस बीच आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी वहां पहुंच गए। शिवपाल सिंह यादव के आवास पर तीन पार्टियों के अध्यक्ष के पहुंचने को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है। क्योंकि ओवैसी 21 सितंबर को भी शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात कर चुके हैं।
प्रदेश में विधानसभा चुुनाव को लेकर सियासी हलचल बढ़ने लगी है। बुधवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के आवास पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण पहुंचे। इनके बीच करीब घंटे भर सियासी मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। हालांकि अभी गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव लगातार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की पहल करते रहे हैं, लेकिन अभी तक स्थितियां साफ नहीं हो पाई है। ऐसे में मंगलवार को शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में साफ किया था कि उनकी तरफ से पहल हो चुकी है। अब फैसला अखिलेश यादव को करना है। इस बीच वह दो अक्तूबर को फिरोजाबाद से पैदल यात्रा और 12 अक्तूबर को सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकालने की भी तैयारी कर रही है।
बुधवार दोपहर वह इटावा से लखनऊ लौटे। शाम करीब छह बजे उनके आवास पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी पहुंच गए। यदि छोटे दलों का गठबंधन बनता है तो बड़े दलों को इसका सीधे—सीधे नुकसान होगा। जहां तक शिवपाल यादव के छोटे दलों के गठबंधन में शामिल होने से यादव समाज के वोट बैंक में भी सेंधमारी होगी, वहीं मुस्लिम समाज और दलित वर्ग में सेंधमारी के लिए ओवैसी, राजभर और रावण पहले से जोर लगा रहे है।