पंजाब। कुछ माह पूर्व पंजाब कांग्रेस में शुरू हुई कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसा माना जा रहा था कि कैप्टन की विदाई के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा, लेकिन इसके उल्ट काम हो रहा है। अब बड़ी खबर यह है कि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू ने पार्टी आलाकमान को भेजे इस्तीफे में लिखा है कि वे पंजाब के हितों से समझौता नहीं कर सकते हैं। साथ ही लिखा- कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे। माना जा रहा है कि सिद्धू पार्टी आलाकमान से खुश नहीं हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जब मंत्री पदों का बंटवारा हुआ, तब सिद्धू की राय नहीं ली गई। राहुल गांधी ने यह सब दिल्ली में बैठकर तय कर दिया। न ही बड़े पदों पर अफसरों की पोस्टिंग में सीएम चन्नी ने सिद्धू की कोई सलाह ली। यह बात सिद्धू को चूभ गई। अब देखना यह है कि पार्टी आलाकमान सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करती हैं या नहीं। संभावना है कि सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार न किया जाए और उन्हें मनाने की कोशिश की जाए। यदि सिद्धू नहीं मानते हैं तो 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ जाएगी।
अमरिंदर सिंह ने साधा निशाना
अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिद्धू के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि सिद्धू ठीक आदमी नहीं है। सिद्धू पंजाब को स्थिरता नहीं दे सकते हैं। गौरतलब कि अमरिंदर सिंह भी आज दिल्ली में है शाम को भाजपा नेता अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं।पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफे के बाद कहा जा रहा है कि वे सभी से नाराज रहते हैं। जब क्रिकेट खेलते थे, तब अपने कप्तान से नाराज रहते थे। भाजपा से भी नाराज होकर निकल गए। फिर पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयानबाजी की और उनसे इस्तीफा दिलवा दिया। अब कहा जा रहा है कि वे नए सीएम चन्नी से भी नाराज हैं। कांग्रेस पसोपेश में है कि जिस सिद्धू के दम पर इतना बड़ा ऑपरेशन किया, वो ही छोड़ गए।
बीजेपी में जा सकते है कैप्टन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस से खफा चल रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में हैं और वे मंगलवार शाम को भाजपा के नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कैप्टन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। हालांकि यह सिर्फ चर्चाएं है। कैप्टन की ओर से अभी इस संबंध में कुछ भी खुलासा नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर भी इसकी जबदस्त चर्चा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह को केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। यह भी सामने आया है कि अगर कैप्टन भाजपा में शामिल होने से इंकार करते हैं तो नई पार्टी का गठन करने में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनकी मदद कर सकता है। इस तरह कैप्टन को भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए राजी किया जाएगा। एक बार फिर बता दें कि ये सब अटकलें ही हैं।