भारत बंद के समर्थन में किसानों का जौनपुर में हुआ प्रदर्शन

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Demonstration of farmers in Jaunpur in support of Bharat Bandh
भारत बंद के समर्थन में जौनपुर में हुआ प्रदर्शन

जौनपुर। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कृषि के तीन काले कानूनों व बिजली बिल 2020 के खिलाफ तथा फसलों की लागत से डेढ़ गुना एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग पर आज 27 सितंबर को संपूर्ण भारत बंद के समर्थन में एस यू सी आई (कम्युनिस्ट) पार्टी, किसान संगठन- ए आई के के एम एस, छात्र संगठन- ए आई डी एस ओ, युवा संगठन- ए आई डी वाई ओ मजदूर संगठन- ए आई यू टी यू सी ने संयुक्त रूप से जौनपुर शहर में जुलूस निकाला। जुलूस की शुरुआत पॉलिटेक्निक चौराहा स्थित कृषि भवन केंद्र परिसर से की गई। जूलूस कलेक्ट्रेट परिसर के लिए जैसे आगे बढ़ा तो पुलिस प्रशासन ने जुलूस को पालिटेक्निक चौराहे पर रोक दिया, इस दौरान पुलिस व आन्दोलनकरियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।

तत्पश्चात पालिटेक्निक चौराहे पर ही जुलूस विरोध प्रदर्शन में तब्दील हो गया। जुलूस में शामिल लोगों ने मांग पट्टिकाएं लेकर- कृषि के तीनों काले कानूनों को रद्द करो, फसलों की लागत का डेढ़ गुना दाम व MSP की कानूनी गारंटी दो, सरकारी क्षेत्रों का निजीकरण बंद करो, खेती पर कार्पोरेट का कब्जा नहीं सहेंगे, लड़ेंगे.. जीतेंगे, आदि नारे लगाए। छात्र संगठन एआईडीएसओ से जुड़े छात्रों ने कृषि के तीनों काले कानूनों को रद्द करने की मांग के साथ शिक्षा के निजीकरण व्यापारीकरण व सांप्रदायीकरण करने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भी रद्द करने की मांग उठाई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा सरकार द्वारा लाई गई कृषि के तीनों काले कानून व बिजली बिल 2020 घोर जनविरोधी और किसान विरोधी हैं। इससे खेती किसानी बर्बाद तो होगी ही, साथ ही आम आदमी की रोजी रोटी भी छिन जाएगी। खेती और किसान दोनों ही प्राइवेट कंपनियों के चंगुल में फंसकर गुलाम हो जाएंगे। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की मार बेतहाशा बढ़ेगी। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के द्वारा शिक्षा के निजीकरण व्यापारीकरण, सांप्रदायीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकारी क्षेत्रों का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर पहुंच गई है।

कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में SUCI(C) पार्टी के जिला सचिव रविशंकर मौर्य, लालता प्रसाद और छोटेलाल, किसान संगठन- AIKKMS के श्रीपत सिंह, जयनारायण मौर्य, मिथलेश मौर्य, राम गोविंद सिंह, रामप्यारे, अशोक कुमार खरवार, छात्र संगठन- AIDSO से दिलीप कुमार, विकास कुमार मौर्य, संतोष कुमार, पूनम प्रजापति, युवा संगठन- AIDYO से इन्दु कुमार शुक्ल, राजबहादुर विश्वकर्मा ट्रेड यूनियन- AIUTUC से प्रवीण कुमार शुक्ल, हीरालाल गुप्ता आदि शामिल रहे।

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