साहित्यकार पंजम जी के असमय निधन से समतावादी समाज के निर्माण का एक निर्भीक योद्धा हमसे हमेशा के लिए बिछड़ गया

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साहित्यकार डा. एस. के. पंजम की याद में आयोजित स्मृति सभा में बोलते हुए नागरिक परिषद के संरक्षक के. के. शुक्ला

19 सितम्बर 2021,लखनऊ। नागरिक परिषद व पीपुल्स यूनिटी फोरम के संयुक्त तत्वावधान में साहित्यकार, शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता डा. एस. के. पंजम की याद में स्मृति सभा का आयोजन जलालपुर, राजाजीपुरम में किया गया। इस अवसर पर पंजम जी की स्मृति में एक स्मारिका का भी लोकार्पण किया गया।
स्मृति सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखक शकील सिद्दीकी ने व संचालन वीरेंद्र त्रिपाठी ने किया।
डा. एस. के. पंजम ने अपने जीवन में 35 पुस्तकों की रचना किया जिनमें कविता संग्रह, उपन्यास, कहानी संग्रह, व इतिहास की पुस्तकें शामिल है।
पंजम जी दस कविता संघर्ष जिनमें “भीख नहीं अधिकार चाहिए” काफी चर्चित रही है। उन्होंने उपन्यास भी लिखे जिनमें दलित दहन, संघर्ष और शहादत, लालगढ़, गदर जारी रहेगा प्रमुख हैं। कहानी संग्रह- बेड़ियों पर वार, थप्पड़ है। पंजम जी ने दो प्रमुख शोधपरक पुस्तकें लिखी यथा- शूद्रों का प्राचीनतम इतिहास और संत रैदास-जन रैदास।

स्मारिका का लोकार्पण करते हुए वरिष्ठ लेखक शकील सिद्दीकी, प्रो. रमेश दीक्षित, रामकृष्ण, कौशल किशोर, शिवाजी राय, वीरेंद्र त्रिपाठी, बिन्दा देवी पंजम

पंजम जी का कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 25 अप्रैल 2021 को लखनऊ में निधन हो गया था। वे अमीनाबाद इंटर कालेज में शिक्षक थे।
स्मृति सभा में वक्ताओं ने कहा कि पंजम जी को ऐसे समय में खोया है जब हमारे सामने बहुत सी सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनैतिक चुनौतियां है। पंजम जी ने अपने छोटे से जीवन काल में सामाजिक जीवन के हर पहलू पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वक्ताओं ने कहा कि पंजम जी के योगदानों को याद करते हुए उसे रचनात्मक रुप से आगे ले जाना चाहिए।
वक्ताओं ने कहा कि पंजम जी का व्यक्तित्व बहुआयामी रहा है तथा उनका अनेक जनवादी संगठनों से जुड़ाव रहा है। पंजम जी के असमय निधन से समतावादी समाज के निर्माण का एक निर्भीक योद्धा हमसे हमेशा के लिए बिछड़ गया।
स्मृति सभा में वर्कस कौंसिल के ओ. पी. सिन्हा, नागरिक परिषद के रामकृष्ण, वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता के. के. शुक्ला, जसम के कौशल किशोर, प्रो रमेश दीक्षित, सत्यपाल, ननक लाल हरिद्रोही,वालेेन्द कटियार, एम. एल. आर्या, तुहिन देव, शिवाजी राय, यादवेंद्र, बिंदा पंजम, बौध्द प्रकाश पंजम, सत्य प्रकाश, प्रज्ञालता, पूर्व प्राचार्य रुपराम गौतम, प्रो. टी. पी. राही, जय प्रकाश, वन्दना सिंह, के. पी. यादव, पूर्व विधायक रामलाल, साहित्यकार ज्ञान प्रकाश जख्मी, राजीव यादव सहित अन्य लोगों शामिल रहे।

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