लखनऊ। पिछले 32साल से यूपी में सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस ने इस बार किसी को मुफ्त में में टिकट नहीं देगी। जो भी कांग्रेस से विधायक बनने का सपना देख रहे है। ऐसे लोगों को 25 सितंबर तक आवेदन करना होगा। खास बात है कि आवेदन देने के साथ ही आवेदकों को 11 हजार रुपये शगुन के रूप में देने होंगे। उक्त सूचना कांग्रेस ने मंगलवार शाम को एक विज्ञप्ति जारी करके दी है।
आपकों बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के टिकट के लिए आवेदन-पत्र जमा करने होंगे। इसके लिए विधिवत रूप से दो लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। जिला मुख्यालय पर जिला/शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों एवं प्रदेश स्तर पर संजय शर्मा और विजय बहादुर को अधिकृत किया गया गया है। सभी आवेदक जिला या प्रदेश स्तर पर उक्त अधिकृत लोगों के पास अपना आवेदन-पत्र सहयोग राशि 11 हजार रुपये के आरटीजीएस अथवा डिमांड ड्राफ्ट या पे ऑर्डर से 25 सितंबर तक जमा कर पावती प्राप्त कर सकेंगे।
कांग्रेस पार्टी का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर अलीगढ़ में बुधवार को मैरिस रोड स्थित धरमपुर कोर्टयार्ड में हुआ। आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण शिविर में न्याय पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, फ्रंटल संगठन के अध्यक्ष सहित अन्य सभी पदाधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
रायबरेली या अमेठी से मैदान में उतर सकती है प्रियंका
यूपी के समर में कांग्रेस को स्थापित करने के लिए प्रियंका गांधी इस बार मैदान में उतरेंगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस महासचिव और UP प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली या अमेठी की किसी सीट से मैदान में उतर सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो प्रियंका, गांधी परिवार की पहली सदस्य होंगी जो विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। इससे पहले गांधी परिवार के सभी सदस्यों ने सिर्फ लोकसभा का चुनाव लड़ा है।
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कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रियंका की पहली पसंद अमेठी है, क्योंकि वहां राहुल गांधी की हार का बदला लेने के लिए अमेठी में लोकसभा चुनावों की जमीन तैयार करेंगी, जिससे स्मृति ईरानी को 2024 के लोकसभा चुनावों में चुनौती दी जा सके।
बीते दिनों लखनऊ में हुई बैठक में एडवायजरी कमेटी ने भी प्रियंका से कहा था कि उनके चुनाव मैदान में आने से कांग्रेस को UP में नई ताकत मिलेगी। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी प्रियंका को सुझाव दिया था कि उन्हें विधानसभा चुनाव में खुद मैदान में उतरना चाहिए।प्रियंका गांधी ने चुनाव लड़ने या ना लड़ने को लेकर खुद कोई संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी के ऑफिस की तरफ से चुनावी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए रायबरेली और अमेठी के डेटा जुटाए जा रहे हैं।
रायबरेली या अमेठी ही क्यों?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव हार जाने के बाद वहां गांधी परिवार का दबदबा कम हुआ है। वहीं, कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी की सेहत ठीक नहीं होने के चलते रायबरेली में भी गांधी परिवार का जनता से संपर्क कम हुआ है।ऐसे में प्रियंका के चुनाव लड़ने से अमेठी और रायबरेली क्षेत्र की जनता के साथ कांग्रेस के संबंधों को मजबूती मिल सकती है। रायबरेली और अमेठी बरसों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है और प्रियंका इस रिश्ते को कमजोर नहीं होने देना चाहती हैं। आपकों बता दें कि पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने औपचारिक रूप से कहा कि UP विधानसभा चुनाव में प्रियंका कांग्रेस का चेहरा होंगी।
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