
अहमदाबाद। उत्तराखंड के बाद गुजरात में राजनीतिक माहौल उथल—पुथल वाला हो गया। यहां शनिवार दोपहर में एक बड़े राजनीतिक उलटफेर के तहत मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। रूपाणी ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफा सौंपा। रुपाणी ने इस्तीफे के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने कार्यकाल के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाएंगे। आपके बता दें कि राज्य में ठीक एक साल बाद चुनाव होने हैं। बीजेपी की कोशिश है कि विजय रुपाणी की जगह एक नया और लोकप्रिय मुख्यमंत्री चेहरा पेश किया जाए, ताकि सत्ता विरोधी लहर को कुछ कम किया जा सके। आपकों बता दें कि विजय रुपाणी जनप्रिय नेता नहीं रहे हैं। ऐसे में बीजेपी ने सही समय पर मुख्यमंत्री पद के लिए नया चेहरा पेश करने का फैसला किया है।
यह -यह हैं मुख्यमंत्री पद के दावेदार
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद अब सभी कयास लगा रहे हैं कि राज्य का अलगा मुख्यमंत्री कौन होगा? मीडिया सूत्रों के मुताबिक इस रेस में नितिन पटेल सबसे आगे चल रहे हैं। जब आनंदीबेन पटेल ने सीएम के पद से इस्तीफा दिया था, उस समय भी नितिन पटेल ही मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे थे। लेकिन उन्हें तब मौका नहीं मिला। उनके अलावा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का नाम भी सामने आ रहा है। केन्द्री मंत्री बनने के बाद से उनकी कार्यशैली की काफी तारीफ हुई है और वो प्रधानमंत्री की गुडबुक में हैं। आगामी चुनावों को देखते हुए उन्हें भी ये जिम्मेदारी दी सकती है। इसके अलावा पुरुषोत्तम रुपाला और सीआर पाटिल का नाम भी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदववार के तौर पर सामने आ रहा है।
यह रणनीति बन रही
सीएम के इस्तीफे के बाद प्रदेश के सभी विधायकों को गांधीनगर बुलाया गया है और रविवार को उनकी बैठक होगी, जिसमें उनकी सहमति से विधायक दल का नेता चुना जाएगा। लेकिन ये केवल प्रक्रिया है, असल में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी खुद अपने उत्तराधिकारी का नाम प्रस्तावित करेंगे और सभी विधायक सर्वसम्मति से उन्हें अपना नेता चुन लेंगे। नैत कौन होगा, इसका फैसला भी दिल्ली से ही होगा।