
लखनऊ। सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख बैंक, बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने को-लैंडिंग के लिए अहमदाबाद स्थित एनबीएफसी मैसर्स. एमएएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमएएस) के साथ समझौता किया है।बीओआई ने अपने 116वें स्थापना दिवस के अवसर पर एमएएस के साथ रणनीतिक को-लैंडिंग के लिए यह नई व्यवस्था करने की घोषणा की।
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री अतनु कुमार दास ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अनौपचारिक क्षेत्र के लिए एनबीएफसी कवरेज का उपयोग करके ऋण प्रवाह को बढ़ाने के लिए आरबीआई ने को-लैंडिंग व्यवस्था की शुरुआत की है। यह सेवा खास तौर पर ऐसे क्षेत्रों के लिए की गई है जहां बैंकिंग और लैंडिंग संबंधी सुविधाएं या तो बिलकुल ही उपलब्ध नहीं हैं अथवा बहुत कम हैं।
बीओआई एमएसएमई पोर्टफोलियो बनाने के लिए एनबीएफसी की पहुंच का लाभ उठाएगा।बैंक ऑफ इंडिया ने आज अपने सभी 10 राष्ट्रीय बैंकिंग समूह (एनबीजी) कार्यालयों, 59 क्षेत्रीय कार्यालयों, 5,084 घरेलू और 23 विदेशी शाखाओं और 5,323 एटीएम के माध्यम से अपना 116वां स्थापना दिवस मनाया, जो भारतीय बैंकिंग उद्योग में इसकी शानदार मौजूदगी का प्रमाण है।बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 7 सितंबर, 1906 को प्रतिष्ठित व्यापारियों के एक समूह द्वारा की गई थी और बाद में जुलाई 1969 में 13 अन्य बैंकों के साथ इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था।
पिछले 100 से अधिक वर्षों में, बैंक डिजिटल उपकरणों और प्लेटफार्मों सहित नवीन प्रणालियों, उत्पादों और सेवाओं को पेश करने में सबसे आगे रहा है, जिसने सुविधा बैंकिंग को एक नए स्तर पर ला खड़ा किया है।116 साल का शानदार सफर पूरा होने के अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अतनु कुमार दास ने सभी ग्राहकों, हितधारकों और शुभचिंतकों का बैंक में विश्वास व्यक्त करने और यात्रा के हर कदम पर इसका समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त किया।बैंक ने इस विशेष अवसर को यादगार बनाने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ भी मनाया कर विशेष अवसर और राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा जारी रखने का संकल्प लिया। समारोह के हिस्से के रूप में, बैंक ने एक लघु फिल्म ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को भी लॉन्च किया। इस लघु फिल्म में पिछले 116 वर्षों में बैंक की गौरवशाली यात्रा और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान को दर्शाया गया है।