बीकापुर-मनोज यादव। यूपी सरकार भले ही बेहतरीन स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करती हो, हकीकत इसके इतर है। जिला अस्पताल से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों और उनके तीमरदारों से न तो अच्छा व्यवहार किया जाता है, न ही सही ढंग से इलाज किया जाता हैं, अगर कोई तीमारदार मरीज को देखने को कहता है स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों द्वारा रुपयों की मांग की जाती है।
ग्रामीण अंचलों में बनाए गए एवं सेंटर पर तो स्थिति और बदतर है। बदहाली का आलम यह है कि प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के तीमारदारों का स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है। ऐसा ही एक मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर में स्थित एएनएम सेंटर प्रसव केंद्र कोछा बाजार में डिलीवरी के लिए आई महिला के तीमारदारों से अवैध वसूली की गई है। इसी गांव के निवासी विनय विश्वकर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक मुख्य चिकित्सा अधिकारी अयोध्या को शिकायत पत्र देकर आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी का प्रसव उक्त केंद्र पर हुआ था उस समय एनम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने उससे घूस लेकर उसका आर्थिक शोषण किया था।
इतना ही नहीं प्रसव के दौरान नवजात शिशु के जन्म प्रमाण पत्र की मांग करने पर भी पीड़ित को दोबारा आर्थिक शोषण का शिकार होना पड़ा। फिर भी उसे नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त हो सका। अपने ऊपर हुए आर्थिक शोषण की मांग लेकर अब पीड़ित अधिकारियों की परिक्रमा कर रहा है लेकिन अभी तक अधिकारियों के कान में जूं तक नही रेंग रहा। वहीं इस संबंध में जिम्मदार अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास अगर शिकायत आएगी तो जरूर कार्रवाई की जाएगी।
इसे भी पढ़ें…