उम्र के साथ बढ़ रही है इन भाईयों की मजबूरी, राष्ट्रपति से मदद की उम्मीद

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The helplessness of these brothers is increasing with age, hope for help from the President
बच्चों का यह दर्द पिता के साथ मां साधना व बूढ़े बाबा रामबहाल के साथ परिवार के सभी सदस्यों के जीवन का हिस्सा बन चुका है।

अयोध्या मनोज यादव। 12 वर्षीय प्रखर व 10 वर्षीय प्रज्वल चलने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन कदम जमी पर नहीं टिकते, थक कर घुटनों के बल चलना अब इनकी मजबूरी बन गई है। मयाबाजार ब्लॉक के रौव्वा लोहंगपुर निवासी धर्मेंद्र पांडेय के दोनों पुत्रों को मांस पेशियों की गंभीर बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है। सैकड़ों में किसी एक को होने वाली यह बीमारी वंशानुगत है। बच्चों के उपचार के लिए पिता हर प्रयास कर थक हार चुके हैं, पिता अपने बच्चों के उपचार के लिए 29 अगस्त को अयोध्या आ रहे राष्ट्रपति से मिलने की हसरत संजोए हैं, उन्हें उम्मीद है कि शायद उनकी पुकार राष्ट्रपति तक पहुंच जाए और बच्चों का जीवन संवर जाए।

बच्चों का यह दर्द पिता के साथ मां साधना व बूढ़े बाबा रामबहाल के साथ परिवार के सभी सदस्यों के जीवन का हिस्सा बन चुका है, इस बीमारी से लड़ने के लिए परिवार के पास अब न तो पैसा बचा है और न ही ताकत यही वजह है कि धर्मेंद्र अपने बच्चों की जिदगी बचाने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी पीड़ा उचित व्यक्ति तक पहुंचाने वाला कोई नहीं है।

धर्मेंद्र ने बताया कि सात साल पहले यह बीमारी बड़े पुत्र प्रखर को हुई और उसके बाद छोटे पुत्र को भी इसी बीमारी ने जकड़ लिया, इलाज कराते कराते सारा पैसा खत्म हो चुका है। लखनऊ मेडिकल कॉलेज, एसजीपीजीआई, दिल्ली के एम्स, उदयपुर, राजस्थान, केरल सहित देश के नामी अस्पतालों की दौड़ लगाई लेकिन कहीं रोशनी की किरण नहीं दिखी। दिल्ली में एम्स के चिकित्सक ने बताया कि अमेरिका में एक इंजेक्शन है, जिसकी कीमत 17 करोड़ रुपये है, दोनों बच्चों को 34 करोड़ का इंजेक्शन लगेगा.डॉक्टर की यह बात सुनकर धर्मेंद्र के पैरों तले जमीन खिसक गई. कहा, अब ऊपर वाले का ही सहारा है, राष्ट्रपति तक बच्चों की पीड़ा पहुंच जाती तो शायद कुछ मदद हो जाती।

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