लखनऊ।यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हुआ। सुबह से ही सपा और कांग्रेस विधायक ने सरकार को विभिन्न मुददों पर घेरने की तैयारी करके आए थे। मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा की कार्यवाही दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि देने के साथ खत्म हो गई, लेकिन विधानपरिषद में सीएम योगी के बयान पर खूब हंगामा हुआ।
सीएम योगी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि जब अब्बाजान ने वैक्सीन लगवा ली, तब बोले कि हम भी लगवाएंगे। इसके बाद सपा सदस्य सीएम योगी के बयान पर भड़क गए और वेल में आकर जमकर नारेबाजी करने लगे। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री की भाषा काफी तकलीफदेह है। वहीं, नरेश उत्तम ने कहा कि एक संन्यासी मुख्यमंत्री के मुंह से इस तरह की भाषा उचित नहीं है। हंगामे के दौरान ही सीएम योगी ने कहा कि सपा को मुस्लिमों का वोट तो चाहिए पर अब्बाजान शब्द से परहेज है।
सीएम योगी ने जब अखिलेश का नाम लिए बिना निशाना साधा तो नरेश उत्तम, राजपाल कश्यप, संजय लाठर, राजेश यादव और संतोष यादव सनी समेत सपा के सभी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। राजपाल कश्यप ने कहा, हम इस तरह की भाषा कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं, संजय लाठर ने कहा कि सीएम खुद अपराधी हैं, उन्होंने कोरोना से 40 लाख लोगों को मरवा दिया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने जब अपने सदस्यों को सीट पर बैठने के लिए कहा तो वे नहीं बैठे। इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि नेता विरोधी दल असहाय हैं। उनके सदस्य उनकी बात ही नहीं सुनना चाहते। योगी ने कहा कि सपा सदस्य कम से कम नेता प्रतिपक्ष का सम्मान करना तो सीखें।
‘अब्बाजान’ पर विरोध क्यों कर रहे सपाई
सपा के संतोष यादव सनी ने कहा, विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम को टिकट न देने वाली भाजपा को उर्दू भाषा के शब्दों की बड़ी चिंता हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा- एक पार्टी के सांसद तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे लोग हमें संसदीय शब्दों की परिभाषा न समझाएं।सपा सदस्यों के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में 16 जनवरी से ही टीकाकरण प्रारंभ हो चुका था।
हम सब जानते हैं कि वे कौन से चेहरे थे जो वैक्सीन को बीजेपी और मोदी का बताकर भ्रम फैला रहे थे। इनके कारण ही बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई। ये उन परिवारों के प्रति अपराधी हैं। कुछ लोगों की नकारात्मक टिप्पणी ने लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया। राज्यपाल की बुलाई सर्वदलीय बैठक का भी बहिष्कार किया।उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के टीके जाति-मजहब और गांव-जिला देखकर नहीं लगाए जा रहे हैं। कोरोना से निपटने के लिए देश में सर्वाधिक टीकाकरण और टेस्ट यूपी में ही हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने संकट के इस दौर में जीवन और जीविका, दोनों बचाने के लिए कार्य किया।
तीन तरह से होता है अंतिम संस्कार
गंगा किनारे शवों को दफनाने संबंधी बात पर कहा कि भारतीय परंपरा में अंतिम संस्कार के लिए भू समाधि, जल समाधि और अग्नि संस्कार प्रचलित हैं। सीएम ने कहा कि विपक्ष उस समय होम आइसोलेशन में था। इसलिए उनके पास प्रचार करने के लिए कोई और मुद्दा नहीं था। इस पर सपा के नरेश उत्तम ने टोकते हुए कहा कि होम आइसोलेशन की व्यवस्था तो सरकार ने ही दी थी।