बदलापुर,जौनपुर। इस युग के महान मार्क्सवादी दार्शनिक, सर्वहारा के महान नेता व एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) पार्टी के संस्थापक कॉमरेड शिवदास घोष की 45वीं स्मृति दिवस श्रद्धा व सम्मानपूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इण्डिया (कम्युनिस्ट) “SUCI(C)” पार्टी की जौनपुर जिला कमेटी के आह्वान पर जिले भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। बदलापुर सब्जी मंडी स्थित पार्टी कार्यालय पर कार्यालय सचिव कामरेड हीरालाल गुप्त के द्वारा कामरेड शिवदास घोष की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसी तरह जौनपुर शहर, खजुरन, पहितियापुर, रजनीपुर, मल्लूपुर, बहरीपुर, सराय पड़री व अन्य जगहों पर भी स्मृति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस मौके पर संबोधित करते हुए जिला सचिव कामरेड रविशंकर मौर्य ने कहा कि, ऐतिहासिक 5 अगस्त पार्टी कार्यकर्ताओं तथा शोषित पीड़ित आम जनता व सर्वहारा वर्ग के लिए गहरी वेदना व शोक का दिन है। लेकिन हम जानते हैं कि किसी भी शोक को संकल्प में बदलना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।
हमारे प्रिय नेता कामरेड शिवदास घोष ने कहा था – “याद रखें, हम सभी मरणशील हैं, इसलिए अगर मरना ही है तो भीख मांगते हुए न मरें, खुद को जलील करते हुए न मरें। जब मरना ही है तो इज्जत के साथ मरे और सिर ऊंचा रखते हुए सम्मान के साथ जीवित रहने तथा मरने का एक ही निश्चित रास्ता है और वह है समाज में आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए जनता के क्रांतिकारी संघर्षों में सक्रिय रूप से भाग लेना।
इस उद्देश्य के लिए आपको हजारों – हजार की संख्या में संगठित व एकजुट होना होगा।” उन्होंने आगे कहा था- ”याद रखें, जो शुरुआत में ही विचारधारा और आदर्श के लिए कुर्बानियां देने के लिए आगे आते हैं, वे संख्या में ज्यादा नहीं, बल्कि चंद लोग ही होते हैं- यौवन से भरपूर, तेजस्वी, छात्र एवं नौजवान। हर देश में, समाज विकास के हर स्तर पर ये छात्र और नौजवान ही होते हैं जो क्रांतिकारी विचारधारा से प्रेरित एवं जागरूक होकर आगे आते हैं और पूरी तरह समर्पित होकर जनता के बीच जाते हैं, उन्हें जागृत करते हैं, हजारों की तादाद में संगठित करते हैं और उनकी राजनीतिक शक्ति को पैदा करने में सहायक होते हैं। तब एक दिन वक्त आता है जनता द्वारा कार्रवाई करने का, जिसे हम ‘क्रांति’ कहते हैंइस अवसर पर हीरालाल गुप्त, कॉ.जयप्रकाश पाण्डेय, मिथिलेश मौर्य, अशोक कुमार खरवार, दिलीप कुमार, इन्दुकुमार शुक्ल, लालता प्रसाद मौर्य, रामलाल मौर्य, रामगोविन्द सिंह, छोटेलाल मौर्य, सुखराज सरोज, राजबहादुर मौर्य, जवाहिर लाल मिश्र, विनय दूबे, राजबहादुर विश्वकर्मा, सन्तोष प्रजापति, नन्हकू राम, आदि ने अलग अलग जगहों पर हुए कार्यक्रम को सम्बोधित किया।