प्रेमचंद हमारे लिए आज भी जरूरी : शिवमूर्ति

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'Premchand still important to us': Shivmurthy
युवा कथाकार फ़रज़ना महदी ने अपनी कहानी 'एक गिद्ध का इंतजार' सुनाया।

लखनऊ। महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की 141वीं जयंती के मौके पर जन संस्कृति मंच की ओर से आज ३१ जुलाई को लोहिया भवन, नरही, हजरतगंज, लखनऊ में प्रेमचंद जयंती का आयोजन किया गया । इसका केंद्रीय विषय था ‘हमारे समय में प्रेमचंद’। अध्यक्षता प्रसिद्ध कथाकार शिवमूर्ति ने की तथा मुख्य वक्ता कवि और आलोचक चंद्रेश्वर थे। संचालन जसम उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर ने किया। जन संस्कृति मंच उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिवमूर्ति का कहना था कि हम बड़े संकट के दौर से गुजरे हैं । हमारे बीच मिलना जुलना करीब-करीब खत्म था। प्रेमचंद जयंती ने हमें आपस में मिलने का अवसर दिया। यह मांद से बाहर आने से कम नहीं है।

दूसरे सत्र में ‘कामरेड गंगा प्रसाद’ पुस्तिका का विमोचन हुआ। अवधेश कुमार सिंह ने गंगा प्रसाद के जीवन संघर्ष और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे सर्वहारा से उनका रूपांतरण सर्वहारा बुद्धिजीवी में हुआ। इस मौके पर गंगा प्रसाद पर लिखी अवंतिका राय की कविता का पाठ भी किया गया। तीसरा सत्र कहानी पाठ का था । युवा कथाकार फ़रज़ना महदी ने अपनी कहानी ‘एक गिद्ध का इंतजार’ सुनाया। यह कहानी कोरोना काल की तल्ख हकीकत, अकेलापन की मन:स्थिति और व्यवस्था की नाकामी को उजागर करती है । इस कहानी पर हुई चर्चा में शिवाजी राय, अजीत प्रियदर्शी, आशीष सिंह और विनय श्रीकर ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर भगवान स्वरूप कटियार, श्याम अंकुरम, उमेश पंकज, विमल किशोर, शशि बाला, मोहित कुमार पांडे, अमित राय, आदियोग, आर के सिन्हा, आशु, अरविंद शर्मा, संजीव कुमार, प्रिया सिंह अमर ध्वज राज, ज्योति राय उपस्थित थे। कलीम खान धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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