हे राम यह क्या हुआ, परिवार के नौ लोगों की मौत से दहल उठा आगरा

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Hey Ram what happened, the death of nine family members shocked Agra
अयोध्या से आगरा शव पहुंचने पर मची चीख पुकार, घर पर लगा लोगों का तांता।

आगरा। आगरा के व्यापारी अशोक गोयल का पूरा परिवार अयोध्या भगवान श्रीराम का दर्शन करने गया था। दर्शन के बाद भगवान के स्वर्ग सिधारने की जगह गुप्तार घाट सरयू मैया का भी दर्शन करने गया था। इसी दौरान बेटियां सरयू मैया के पवित्र जल को माथे लगाने के लिए नदी किनारे सी​ढ़ियों पर बैठकर हाथ पैर धुल रही थी। इसी दौरान उसका पैर फिसला और वह सरयू नदी में डूबने लगी फिर एक बेटी को बचाने के फेर में परिवार के सभी सदस्य नदी में उतर गए जिनमें से तीन को तो बचा लिया गया, लेकिन 9 लोग मां सरयू की गोद में समा गए।

यह दर्द शायद व्यापारी की अंतरआत्मा से निकल रहे है। लेकिन एक साथ नौ लोगों को खो देने के बाद उनकी आंखों से आंसू भी नहीं निकल रहे है। बस बेबस नजरों से लोगों को निहार रह है। उनके घर आने-जाने वालों का तांता रविवार को लगा हुआ है, लेकिन किसी के भी कंठ से एक भी शब्द नहीं फूट रहे है।

आपकों बता दें कि 10 जुलाई को आगरा से व्यापारी का परिवार अयोध्या प्रभु के दर्शन को गया था। मंदिर में दर्शन के बाद परिवार के लोग गुप्तार घाट गए। गुप्तार घाट पर नदी में परिवार के 12 लोग गिर गए जिनमें से किसी तरह 3 लोगोें को बचा लिया गया। 9 लोगों की डूबनेसे मौत हो गई थी। नवों शव शनिवार आधी रात करीब 1:35 बजे आगरा के शास्त्रीपुरम लाए गए। एक साथ इतने शव देख हर ​कोई बस यहीं कह रहा था हे राम यह क्या किया, गए थे आपके दर्शन करने और दुनिया से ही उठा लिया।

घर में मचा कोहराम

एक साथ अपनों के शवों को देखते ही परिवार सहित रिश्तेदारों में कोहराम मच गया। अशोक गोयल की पत्नी राजकुमारी, बेटों ललित व पंकज के शव शास्त्रीपुरम स्थित आवास पर लाया गया, जबकि अशोक गोयल की बेटी सीता व नातिन दृष्टि के शव सिकंदरा स्थित उनके आवास और दूसरी नातिन श्रुति के शव को नामनेर ले जाया गया। रविवार की सुबह सभी शवों का अंतिम संस्कार ताजगंज शमशान घाट पर किया गया।

घटनाक्रम के मुताबिक व्यापारी की बेटी आरती, गौरी और धैर्या नदी में गिर गईं। सभी को बचाने में बेटे-पत्नी सहित सभी लोग नदी में उतरते गए। एक ही पल में सब कुछ उजड़ गया। ए-ब्लॉक, शास्त्रीपुरम निवासी अशोक गोयल बृहस्पतिवार शाम को अयोध्या श्रीराम मंदिर में दर्शन के लिए घर से निकले थे, उनके साथ पत्नी राजकुमारी, बेटे पंकज, ललित, बेटी जूली, सीता, आरती, गौरी, दामाद सतीश, बच्चे नमन, प्रियांशी, दृष्टि, सार्थक, श्रुति गए थे. उन्हें नहीं पता था कि हंसी खुशी अयोध्या पहुंचने के बाद हादसा हो जाएगा। एक साथ परिवार के नौ सदस्यों की मौत से अशोक गोयल पूरी तरह से टूट गए हैं।अशोक हादसे में बची बेटी आरती, गौरी, धेवते नमन और धैर्या को लेकर आगरा आ गए। उनके घर पहुंचते ही करुण क्रंदन मच गया। घर पर मौजूद बेटा पद्मेश पिता को संभालता रहा, ​व्यापारी अशोक बेसुध हो गए।

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